दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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मंगलवार, 27 फ़रवरी 2024
4049...शहर का बसंत
मंगलवारीय अंक में आपसभी का स्नेहिल अभिवादन। -------
विनम्र श्रद्धांजलि...!!!
पंकज उधास यानी गजलों की दुनिया का वो नाम जिनकी मखमली आवाज हर शमा को रोशन कर जाए। हर टूटे दिल को, तन्हा दिल को पुरसुकून कर जाए।दिल को छू लेने वाली वो रूहानी सी आवाज हमेशा के लिए रुखसत ले चुकी है।
प्रसिद्ध गजल गायक, पद्मश्री से अलंकृत श्री पंकज उधास
दुनिया को छोड़ कर जा चुके हैं, 26 फरवरी को उनका निधन हो गया है ।वह लंबे समय से बीमार रहे थे। लेकिन शेर, शायरी और गजलों की महफिल जब भी सजेगी उनकी आवाज के बिना मुकम्मल न हो सकेगी।अपनी सुमधुर गज़लों, गीतों के माध्यम से वे सदैव हमारे बीच रहेंगे। आपके गीतों की मिठास, मखमली सुर और गायन का सम्मोहन सदैव हम सभी की स्मृतियों में जीवंत रहेगा।
यात्रा अभी अधूरी है , मुझे अपने किनारों की तृषा मिटानी है औ' तुम्हे संसार में अमृत बरसाना है हम तय कर रहे हैं अपना अपना यह सफ़र इंतज़ार शायद लम्बा हो जाए हो सकता है सांझ हो जाए पर याद रखना हर रात सुबह का पैगाम होती है
सब जानते-बूझते भी सिर्फ उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए हर राजनीतिक दल अपने पलक-पांवड़े बिछाए रहता है ! उनके माथे पर अपने दल का चिन्ह अंकित कर, किसी भी आड़ी-टेढ़ी गली से प्रवेश दिला, देश के सदनों में ला कर शो-पीस की तरह सजा दिया जाता है ! ऐसी मूर्तियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता या मतलब होता कि जिस दल का ये प्रतिनिधित्व कर रही हैं, उसके नेता और उनका सिद्धांत देश और समाज के लिए हितकर हैं भी कि नहीं ! इनको तो सिर्फ अपनी फोटो खिंचवाने, छुटभैयों को औटोग्राफ देने और अपने रसूख का प्रदर्शन कर, चर्चा में बने रहने का सुख लेना होता है। सच तो यह है कि जैसे कपड़ों की दुकानों के बाहर मानवाकार पुतलों (Mannequins) को कपड़े पहना कर ग्राहकों को आकृष्ट करने का उपक्रम किया जाता है कुछ वैसे ही राजनीतिक पार्टियां इन प्रसिद्ध हस्तियों को अपना चिन्ह दे वोटरों को लुभाने की चेष्टा करती रहती हैं !
जिनके भजन, गीत और ग़ज़लें सुनते हुए हम कितनी बार भावों में डूबे हैं, उन श्रेष्ठ गायक पंकज उद्घास को विनम्र श्रद्धांजलि ! सुंदर प्रस्तुति श्वेता जी, 'मन पाये विश्राम जहां' को आज के अंक में स्थान देने हेतु बहुत बहुत आभार !
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कभी हम नहीं
जवाब देंहटाएंकभी तुम नहीं
अश्रुपूरित नमन
बेहतरीन अंक
सादर..
लाजवाब प्रस्तुति!!!
जवाब देंहटाएंजिनके भजन, गीत और ग़ज़लें सुनते हुए हम कितनी बार भावों में डूबे हैं, उन श्रेष्ठ गायक पंकज उद्घास को विनम्र श्रद्धांजलि ! सुंदर प्रस्तुति श्वेता जी, 'मन पाये विश्राम जहां' को आज के अंक में स्थान देने हेतु बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया आयोजन होता है । मेरी कविता को शामिल करने के लिए धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए सादर आभार पंकज उधास को विनम्र श्रद्धांजलि
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