---

मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024

4042....शब्द. आघात करते हैं...

 मंगलवारीय अंक में

आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।
-------
संसार की खूबसूरती प्रकृति है और मनुष्य जीवन भी प्रकृति से ही संभव है। हम जितने प्रकृति के निकट होंगे, उतने सकारात्मक होते जाएंगे।प्रकृति से जुडाव होने पर विचारों में सकारात्मक आती है, सकारात्मक विचारों से दिमाग के सीखने की क्षमता पर असर डालते हैं ।
 सकारात्मक होना यानी अप्रिय नहीं सोचना।
प्रकृति से प्रेम का अर्थ जीवन की विपरीत
परिस्थितियों पर भी सकारात्मक दृष्टिकोण-
जब दुनिया तम की डिबिया बन जाती है
जब टूट के हिम्मत पाँवों में चुभ जाती है
कभी पतझड़ और वीरानी से
कभी कुहरा और सुनामी से
जब जीवन पथ पर आँखें धुँधलाती है
दो पग बढ़ना कठिन लगे
जीवन प्रश्न-सा जटिल लगे
जब खुशी नीड़ की तिनकों-सी उड़ जाती है
तब हौले से थाम कर हाथ
 देकर हौसलों का साथ
एक नन्हीं किरण "उम्मीद"की नेह से मुस्काती है।
बनके बाती चीर के तम अंधियारा दूर भगाती है।।
 भगदड़ भरे माहौल में अक्सर
 इस सकारात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता पड़ती है-
------
आज की रचनाएं पढ़ते हैं-


थकी हुई देह लेकर भी चलना तुम 
उस जगह तक जहां जरूरत है 
तुम्हारी प्रार्थनाओं की और 
उदास मन को छोड़ देना 
थोड़ी देर के लिए 
कागजी फूलों के बगीचे में 



घूमते हैं दिलो दिमाग पर
गूंजते हैं बिस्तर की सलवटों पर 
रात दिन बस परेशान करते हैं।।
शब्द आघात करते हैं।।


समंदर से सीखा है मैंने 

जिसके पास 

अश्क़ो का सैलाब होता है 

वो रोया नहीं करते ।



मान-सम्मान, मैं मेरे का विलाप व्यर्थ है
व्यर्थ है रिश्तों की दुहाई देना
व्यर्थ है
एक काया को सौगंध में बाँधना 
व्यक्ति विशेष से परे 
ये युद्ध 
आत्माएँ लड़ती हैं
वे आत्माएँ
जो बहुत पहले
देह से विरक्त हो चुकी हैं।


और चलते-चलते पढ़िए एक 
अलग विचार और भावों से गूँथी रचना-


ऐ कवि ! ..
कवि हृदय प्रेमी ! ..
यूँ रचते तो हो जब-तब,
जब कभी भी, कुछ भी,
श्रृंगार के नाम पर .. तो ..
यूँ रचते तो हो तुम
कभी मेरे नैनों को, 
काजल को, भवों को,
होंठों को, अधरों को, 
हँसी को, गालों को, 
अलकों को, गजरों को अक़्सर .. शायद ...



------
आज के लिए बस इतना ही
मिलते हैं अगले अंक में।
-------








4 टिप्‍पणियां:

  1. एक अनूठा अंक
    वासंतिक भावनाओं का निचोड़
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. जी ! .. नमन संग आभार आपका .. हमारी बतकही को अपनी प्रस्तुति में स्थान प्रदान करने के लिए ...
    आज की भूमिका में संदेशपरक सकारात्मक दृष्टिकोण और उम्मीद की बातें अच्छी हैं ...

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर संकलन।
    स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर संकलन आदरणीया मेरी रचना को स्थान देने पर तहेदिल से शुक्रिया आपका ।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।