शीर्षक पंक्ति: आदरणीया डॉ. जेन्नी शबनम जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
गुरुवारीय अंक में पढ़िए आज की पसंदीदा रचनाएँ-
.शायरी | दर्द | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
दर्द सीने में
रहे तो
बेहतर
वरना लावा ही बहेगा हरसूं
खून-पसीने की रोटी कोई कहानी लगती थी
मोल तब जाना जब अपनी रोटी कमाया
मैंने।
बरगद गमलों में उगा देख हंसा था हाकिम
फटी रह गयी आंखें जब बगीचे में लगाया मैंने।
यह 'ब्रेन चिप' क्या आपके विचार भी छीनेगा?
इस खबर के पहले पिछले साल मई में अमेरिका की सर्वोच्च
चिकित्सा संस्था फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने न्यूरालिंक को मानवीय अध्ययन की
और उसके चार महीने बाद इस चिप के परीक्षण की अनुमति दी। उसके पहले रायटर्स ने यह
खबर भी दी थी कि इस कंपनी की इससे पहले की एप्लीकेशंस को अनुमति नहीं मिल रही है।
अनुमति न मिलने के पीछे सुरक्षा जैसे अनेक कारण थे।
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फिर मिलेंगे।
रवीन्द्र सिंह यादव
स्तरीय रचनाओं का संगम
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सभी लिंक बहुत अच्छे … आभार मेरी रहना को जगह देने के लिए …
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट लिंकों के साथ लाजवाब प्रस्तुति ।
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