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रविवार, 14 जनवरी 2024

4005 ...माँ सीता का नाम सदा ही राम ने आगे ही लगाया

 सादर अभिवादन

इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी. 
सूर्य के उत्तरायण होने पर 
खरमास भी समाप्त होगा और सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे.
इस दिन से दिन बड़े होने लगते हैं जबकि रातें छोटी होने लगती हैं, 
यह पर्व एक संक्रांति पर्व है। इस दिन दिन और रात बराबर होने से 
वसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है।
अब आज की रचनाएं देखें..



शहर भर चर्चा रहा,
है उसकी वो मरमोज़ अदा
मीरे कारवां बन चला
वो अजनबी सा इन्सान,

तलातुम से उठ चले
फिर मसरक़ी फ़लक पे
सफ़रे ज़ीस्त में चलना,
नहीं था इतना आसान,





हो स्थापना परम  मूल्यों की
राजाराम चले थे जिन पर,
दुनिया को शुभ मार्ग दिखाया  
आदर्श पुत्र, प्रिय भाई बन  !

माँ सीता का नाम सदा ही  
राम ने आगे ही लगाया,  
सहने पड़े अनेक अपवाद  
सदा सत्य को ही अपनाया !




कमज़ोर समझ ना पाएगा ।
समझा तो कर ना पाएगा ।
इसीलिए तन को सुदृढ़ करना,
मनोबल आप आएगा ।
कवच शिक्षा का सदा
करेगा तुम्हारी रक्षा ।
किंतु लक्ष्य तक तुम्हें पहुँचाएगा
एकमात्र विवेक तुम्हारा ...
और कर्मठ जीवन।




समझें तो 'मन' समझ ना आता,
करें तो है आसान ।
एक्सरसाइज करते ही हैं,
बाद करें कुछ ध्यान ।

श्वासों की आवा-जाही पे,
धरें जो थोड़ा ध्यान ।
दिल दिमाग को स्वस्थ बनाये,
अद्भुत  प्राणायाम ।



न मुझे घृणा है, न लगाव है, न मुझे लोभ है, और न मोह
न मुझे अभिमान है, न ईर्ष्या
मैं धर्म, धन, काम एवं मोक्ष से परे हूं
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।

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आज बस
कल की कल देखेंगे
सादर

4 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात! मकर संक्रांति पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ! सारा भारत आज राममय हो रहा है, सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई यशोदा जी, आभार !

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति
    मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  3. उत्कृष्ट लिंकों के साथ लाजवाब प्रस्तुति
    मेरी रचना को स्थान देने हेतु तहेदिल से धन्यवाद आपका ।
    मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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