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बुधवार, 10 जनवरी 2024

4001...हिन्दी का रुख मोड़ दे...

 ।।प्रातःवंदन। ।


विश्व हिन्दी दिवस की "पाँच लिंक' के तरफ से आप सभी को हार्दिक शुभकामना। आईए ...इस परंपरा  को उत्सव की तरह निभाते हुए आज सांस्कृतिक, सामाजिक विरासत की नींव और मजबूत करें।
"सबके अधरों पे बसी,मीठे इसके बोल।
संस्कृत संस्कृति में रची, गुण इसके अनमोल।।"
तृप्ति'
बस ...शब्दों का सही चयन करना है ..हिन्दी में वीर रस की कविताई..सुने...✍️



जिजीविषा


तुम्हारी नियति ही यही है ।

आघात सहना और जीना ।

घनी छाँव देख मुसाफ़िर

....

मैं काली हूँ या सावली हूँ ?

पिछले चार दिन से मुक्ता नारियल के तेल को धूप दिखा रही थी । कुल मिलाकर इस साल पंधरा लीटर के आसपास तेल निकाला होगा बरामदें पर बैठी औरतों के हथेलियां पर तेल डाल डालकर अपने बगीचे के नारियल के पेड़ों का गुणगान करते हुये ये भी कहना नहीं..

.....

जिन्दगी ....आसूं.....हंसी

जिन्दगी की परिभाषा....बस यूं

नित नए अनुभवों से गुजरती है

नयन नीर से सींचत करती है

.....

ख्याल

इत्र सी ख्वाबों तरंगें महकाती साँसे खतों की l

गुलदस्ता वो पुराने अघलिखे ख्यालातों की ll

अकेले में खिलखिला दे मुस्कान जो अधरों की 

....

।।इति शम।।

धन्यवाद 

पम्मी सिंह 'तृप्ति '..✍️

5 टिप्‍पणियां:

  1. विश्व हिंदी दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं
    बेहतरीन अंक
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. विश्व हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
    बहुत ही सुन्दर सार्थक रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. विश्व हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ । सुंदर अंक ।

    जवाब देंहटाएं
  4. उम्दा एवं पठनीय लिंकों से सजी लाजवाब प्रस्तुति...
    आप सभी को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  5. विश्व हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
    बहुत ही सुन्दर रचनाओं का संकलन सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं सादर नमस्कार 🙏

    जवाब देंहटाएं

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