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सोमवार, 27 नवंबर 2023

3957 ..आज कार्तिक पूर्णिमा है श्री गुरुनानक देव जी की जयन्ती है

 सादर अभिवादन

आज कार्तिक पूर्णिमा है
श्री गुरुनानक देव जी की जयन्ती है
आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं


एक स्मितहास्य ...
लक्ष्मन रेखा नाम का एक गमला अचानक स्टेज से नीचे टपक कर फूट गया!स्त्री की मर्यादा नाम की हेलोजन लाईट भक्क से फ्यूज़ हो गयी !थोड़ी देर बाद एक एम्बुलेंस तेज़ी से सड़कों पर भागती जा रही थी!जिसमे दो स्ट्रेचर थे !एक स्ट्रेचर पर भारतीय संस्कृति कोमा में पड़ी थी ...शायद उसे अटैक पड़ गया था!दूसरे स्ट्रेचर पर पुरुषवाद घायल अवस्था में पड़ा था ...उसे किसी ने सर पर गहरी चोट मारी थी!आसमान में अचानक एक तेज़ आवाज़ गूंजी ....भारत की सारी स्त्रियाँ एक साथ ठहाका मार कर हंस पड़ी थीं !....

अब रचनाए पढ़िए..



छोड़ गया राधा को कान्हा,
सबने लांछन मुझपर डाला।
प्रेम का पाठ पढ़ाने हेतु,
विरह की मैंने पी ली हाला।।
दूर कदम मैं जितना तुझसे,
पाँव में पड़ते उतने छाले।
विरह की वेदना कैसी होती,
क्या समझेंगें दुनियावाले।
पाने को सब प्रेम कहे पर,
राधाकृष्ण तो है अर्पण।
सबने खोजा तन के बाहर ,  
देख न पाया अंतर्मन।




मैं भी पतिव्रता स्त्री हूँ। ऐसा कैसे हो सकता है? आप मेरी ओर तो देखो।" "अपनी पत्नी की बात सुनकर उसने जैसे ही नज़र उठाकर अपनी पत्नी की ओर देखा वैसे ही उसकी आँखों की रोशनी चली गई। और वह गाय के श्रापवश पत्नी को देख ही नहीं  सका। उस व्यक्ति की पत्नी पतिव्रता थी। इसी कारण उसकी मृत्यु नहीं हुयी। यह देखकर पत्नी अपने पति को साथ लेकर राजा जनक के दरबार में गई। 
वहाँ जाकर उसने पूरी घटना बताई।




हम अपनी टेबिल पर बैठकर लाइब्रेरी से लाई किताबें पलटने लगे, लेकिन दिमाग में अम्मा की कही बातें धमाचौकड़ी मचा रही थीं। उन दिनों में जोरशोर से हमारे ब्याहने को लड़के ढूँढे जा रहे थे। सब खिसका कर पैड और पैन उठा लिखने बैठ गए…कहानी बह निकली-





समय मुफ्त में मिलता है, परंतु यह अनमोल है। आप इसे अपना नहीं सकते, लेकिन आप इसका उपयोग कर सकते हैं। आप इसे रख नहीं सकते, पर आप इसे खर्च कर सकते हैं। एक बार आपने इसे खो दिया, तो वापस कभी इसे पा नहीं पाएंगे - हार्वे मैके
वह व्यक्ति जो अपनी ज़िन्दगी का एक घण्टा भी व्यर्थ करने की हिम्मत रखता है, उसने अभी तक ज़िन्दगी की कीमत नहीं समझी - चार्ल्स डार्विन





नया घर कहता है,
‘सोचो मत,आ जाओ’,
मैं तुम्हें रहने का सुख दूँगा,
यादों का क्या है,
मैं भी दूँगा बहुत सारी।




महत्वपूर्ण बीज मंत्र
मूल बीज मंत्र "ओम" है। यह वह मंत्र है, जिससे अन्य सभी मंत्रों का जन्म हुआ है। प्रत्येक बीज मंत्र से एक विशिष्ट देवी-देवता जुड़े हुए हैं। बीज मंत्र के प्रकार हैं- योग बीज मंत्र, तेजो बीज मंत्र, शांति बीज मंत्र और रक्षा बीज मंत्र।




आज बस
कल  कल मिलेगी सखी 
सादर

5 टिप्‍पणियां:

  1. एक से बढ़कर एक लिंकों के मोती जोड़कर बनी खूबसूरत माला।

    "पांच लिंकों के आनंद में" मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. ब्लॉग के सभी पाठकों को गुरु नानक जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा (गंगा स्नान) की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. मेरी रचना को पांच लिंको का आनंद में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, यशोदा दी। सॉरी दी। आपकी सूचना स्पैम फोल्डर में जाने से नही देख पाई थी।

    जवाब देंहटाएं

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