---

सोमवार, 6 नवंबर 2023

3936 ..कर जोड़ विनती करूँ छठी मैया, मैया कर बेड़ा पार

 सादर अभिवादन

नवंबर मास चालू आहे
आज का दिन
श्री भागवत महापुराण के नाम

जय श्री राधे ....
सादर
अब रचनाएं देखिए ....

जोड़े-जोड़े नारियल-नेमुआ,
ठेकुआ-फल-पकवान।
धूप-दीप दौरा-सुप साजे,
लेकर आये फूल पान।।
बांस के बहंगिया सजाये,
अइली मैया तोरे द्वार।
कर जोड़ विनती करूँ
छठी मैया, मैया कर बेड़ा पार।


वो मुझको मेरी नजर से कब देखता है
वो जब भी देखता है मुझमें आईना देखता है।। 
यूं तो मालूम है उसको मेरी मजबूरियां
फिर भी मुझसे मिलने के ठिकाने देखता है।।


मन खिलौना
उस नियति का है
जो बुनी खुद।

अनजाने में
कुछ जानकर भी
सह आवेग।

इक अनोखी
लघु कथा सी कुछ
लिखी दे प्राण।

आतंकवाद
गोली या निर्लज्जता?
फर्क नहीं पड़ता।
करे छलनी
ये एकबार तन
वो रह रह मन।


आज बस
कल सखी मिलेगी
सादर

1 टिप्पणी:

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।