---

बुधवार, 14 जून 2023

3788.. धैर्य बनाए रखना..

 ।। प्रातः वंदन।।

प्रिय अरुण पा जब कमलिनी खिल गयी,
स्वर्ग की सौगात मानों मिल गयी,
झूमती डालें पहन नव आभरण,
हर्ष-पुलकित किस तरह वातावरण,
भर सुनहरा रंग, ऊषा कर गयी वसुधा नयी..!!
महेंद्र भटनागर
प्रतिपल में प्रस्फुटित होती  कई किरणों को विस्तार देते हुए आज लाई हूॅं..✍️


परिंदों ने आ कर कहा सब हरा है.
गगन से भी ऊँचा गगन दूसरा है.

उजाला कहाँ ले के आते हैं जुगनू,
चमकना ही उनका उमीदों भरा...
❄️












तो फिर क्या बात है..!!

पर....
❄️

अपाहिज








"अपरिहार्य कारणों से मेरी शादी स्थगित हो गई है। मानसिक स्थिति ठीक होते ही मैं खुद बात करूँगा।"

"धैर्य बनाए रखना•••,"

"लड़कीवाला सब फ्रॉड निकला। शादी बड़ी बेटी से करवाना था। फ़ोटो छोटी बेटी का भेजा। फ़ोन और वीडियो कॉल पर छोटी बेटी रहती थी। बड़ी बेटी बचपन से पागल है। 

❄️

बोली-भाषा: खानाबदोश और च‍िरकुट, इन दो शब्दों का आख‍िर क्या अर्थ होता है





  ख़ानाबदोश एक फ़ारसी शब्द है जो भारत में काफी प्रचलित है। इस शब्द का विश्लेषण बड़ा रोचक है।

यह शब्द तीन अक्षरों से मिल कर बना है- ख़ाना ब दोश। यहाँ ख़ (ख़ाना) के नीचे नुक़्ता न भूलें क्योंकि बिना बिन्दु के ‘खाना’ का अर्थ भोजन हो जायेगा।..

❄️

मामूली आदमी 


मैं एक मामूली आदमी हूं

पहले मैं खुद को आम आदमी कहता था 

संतोषी और सुखी रहता था 

।। इति शम।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️

7 टिप्‍पणियां:

  1. शानदार नियमित अंक
    काफी दिनों के बाद
    महेंद्र भटनागर जी की रचना पढ़ी
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
    श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढियां प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  4. उम्दा लिंकों से सजी लाजवाब प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।