सादर अभिवादन
त्योहार सब गए
छुट्टियां शुरू..बाहर कोई
कहीं न जाए ....शायद इसीलिए
ढेर सारा होम-वर्क बच्चें की डायरियों में
जीभ दिखा रहा है..साथ
मम्मी भी जा रही है ....इसीलिए शायद
स्कूल बैग भी साथ में है
ये तो होना ही था ..
अब रचनाएँ देखें ....
आदमी की नींद खुली तो उसने अपने आपको गंगा किनारे गीली मिट्टी में पड़ा पाया। यहां सोने के सिक्के नहीं थे लेकिन सामने रेत पर ककड़ी/खरबूजे/ तरबूजे बिखरे पड़े थे जो सोने के सिक्कों से अधिक अच्छे लग रहे थे और यहां की मिट्टी भी नहीं धंस रही थी! सामने मेहनती पुरुष और महिलाएं खेतों में काम कर रही थीं।
जब भी आपसे कोई आमने-सामने बात कर रहा हो तो मोबाईल पर बेहद जरुरी कॉल को छोड़ ना ज्यादा बात करें ना ही स्क्रॉल करें ! वहीं ड्राइविंग के वक्त, खाने की टेबल पर, बिस्तर या टॉयलेट में तो खासतौर पर मोबाइल न ले जाएं । इसके अलावा अपने कार्यस्थल या किसी मीटिंग के दौरान फोन साइलेंट या वाइब्रेशन पर रखें और मेसेज भी न करें ! कुछ खास जगहों या अवसरों, जैसे धार्मिक स्थलों, बैठकों, अस्पतालों, सिनेमाघरों, पुस्तकालयों, अन्त्येष्टि इत्यादि पर बेहतर है कि फोन बंद ही रखा जाए !
हम साहित्यिक पुस्तकें जरूर पढ़ें लेकिन सिर्फ पाठक के रूप में नहीं ,बल्कि नीर - क्षीर विवेक के साथ समीक्षात्मक दृष्टि से भी। हर पाठक को एक समीक्षक भी होना चाहिए। पुस्तकों में उन्हें क्या अच्छा लगा ,क्यों अच्छा लगा , क्या ठीक नहीं लगा ,क्यों ठीक नहीं लगा , पढ़ने के बाद इस पर भी उन्हें विचार करना चाहिए। जरूरी नहीं कि आप किसी पुस्तक की समीक्षा लिखें ,लेकिन एक सजग पाठक के रूप में उनके पन्नों पर आपको समीक्षक जैसी दृष्टि जरूर दौड़ानी चाहिए ।
कैसे करें न सदा शुक्रिया
जो कान्हा आनंद बिखेरे,
उर नवनीत चुराने वाला
मृदु भावों की बंसी टेरे!
व्याप्त रहा है भीतर बाहर
सूक्ष्म लोक के राज खोलता,
गुरु बनकर मार्ग दिखलाए
सखा बना वह संग खेलता !
पिछले १० साल से बिल्डिंग की चौथी और आखिरी मंजिल पर २ कमरे वाले फ्लैट में रह रहे थे. ४ माह हुए दूसरी जगह 3 कमरे वाले फ्लैट में ग्रांउड फ्लोर पर रह रहे हैं जहाँ एक बगीचा भी मिल गया है. इसमें थोड़ी बहुत बागवानी कर अपना शौक पूरा होते देख ख़ुशी तो होती है लेकिन थोडा दुःख भी है. ऊपर की मंजिल में रहने वाले लोग जब-तब अपने घर की साफ़-सफाई कर कचरे को बगीचे में बड़े ही लापरवाही से ऐसे फेंकते हैं जैसे नीचे कोई इंसान ही नहीं रहते हों.
आज के लिए बस
सादर
गर्मी की छुट्टियों में गाँव जाता परिवार भी तो नहीं रहा
जवाब देंहटाएंबढ़िया बढ़िया लिंक का चयन
वाह!सभी लिंक्स शानदार ।रचनाकारों को बहुत बहुत शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉगपोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंसम्मिलित कर मान देने हेतु हार्दिक आभार !
जवाब देंहटाएंमैंने इस लेख से बहुत कुछ सीखा है, और मुझे विश्वास है कि यह अन्य लोगों के लिए भी बहुत उपयोगी होगा। Rahim das ke dohe
जवाब देंहटाएंhindi dohe