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गुरुवार, 20 अप्रैल 2023

3734...वातावरण में तापमान लगातार बढ़ रहा है...

सादर अभिवादन।

गुरुवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।

वातावरण में तापमान लगातार बढ़ रहा है अतः#धूप में निकलने या ज़्यादा देर रहने की स्थिति में अपना बचाव करें। अधिक तेज़ धूप हमारे शरीर से इलेक्ट्रोलाइट्स(सोडियम,पोटेशियम,क्लोराइड,मैगनीशियम आदि) को पसीने के साथ बाहर निकाल देती है। धूप में पसीना आना स्वाभाविक प्रक्रिया है। पसीना हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। जब पसीना लगातार निकल रहा हो और हम पानी न पिएँ तो शरीर में पानी की कमी के चलते पसीना आना बंद हो जाता है और शरीर का तापमान, रक्तचाप बढ़ने लगते हैं। शरीर रक्त गाढ़ा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है तब ह्रदय को ऑक्सीजन के साथ यह गाढ़ा रक्त संपूर्ण शरीर में पहुँचाने में भारी मशक़्क़त करनी होती है। यह स्थिति #डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी और नमक की कमी) होती है। 

शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी की कमी को दूर करने के लिए प्रकृति ने इलाज के रूप में ककड़ी, तरबूज़ और ख़रबूज़ा इसी मौसम में उपलब्ध कराए हैं जिन्हें उपभोग से पहले नमक और स्वच्छ पानी से अवश्य धोना चाहिए।      

आइए पढ़ते हैं पाँच पसंदीदा रचनाएँ-

जब मैंने तुम्हें पुकारा

पर सोचती हूँ कहीं समय

ना  निकल जाए हाथो से

केवल रेत ही रह जाएगी

रिक्त हाथों में।

श्वास-श्वास में सिमरन हो जब

श्वासों का आयाम बढ़े जब

सारा विश्व समाता इनमें,

एक ऊर्जा है अनंत जो

ज्योति वह प्रदाता जिसमें!

७०९. सुनो अभिनेता

सुनो अभिनेता,

तुम भी चले जाओ,

किसी ने ताली नहीं बजाई,

इसका यह मतलब नहीं है

कि तुम्हारा अभिनय बुरा था.

कविता | आई शपथ | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

यादों के साथ जीना

और सीने पर

दुनियादारी का

पत्थर रख कर

आंसुओं को पीना

आसान नहीं है,मित्र!

परिचित किनारा--

तुलसी तले, माटी का जब प्रदीप जले,
हथेली पर काजल से, मनमीत लिखना,

पीपल के पातों में रुक जाएँ हवाएं, -
बुझे लौ दुआ के इसे बहुगुणित लिखना,

चलते-चलते पढ़िए एक नवीन शैली की चिंतनपरक कटाक्ष करती लघुकथा-

खट्टे अंगूर

अच्छा अब आप बताइए राजन इस आयोजन के पीछे जो लोग हैं उनकी विचारधारा साहित्य की नौका को डूबो देने की है क्या?

शर्त को भूलते हुए राजा विक्रम ने तनिक क्रोधित होते हुए कहा "इस पर कौन बात करेगा? क्योंकि जिनको इसपर बात करनी चाहिए वे लोग वहाँ लार टपकाते और जी हजूर, जी हजूर वाली भूमिका में देखे जा रहे थे!"

"आप भी न राजन! आप चुप रह नहीं सकते और मैं ठहर नहीं सकता!"

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 


7 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    अक्षय तृतीया शुभ हो
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका

    श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात! गर्मी से सुरक्षित रहने के लिए समुचित व उपयोगी जानकारी के लिए शुक्रिया, पठनीय रचनाओं के सूत्रों से सजी सुंदर प्रस्तुति, आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन प्रस्तुतियों से भरा सुंदर अंक

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर प्रस्तुति. हार्दिक आभार.

    जवाब देंहटाएं
  6. मेरी टिप्पणी नहीं दिख रही ।
    शायद स्पैम में हो ।

    जवाब देंहटाएं

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