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बुधवार, 8 मार्च 2023

3691..गूँज रहा है मोहक मधुमय..

 ।।उषा स्वस्ति।।

"यौवन की जय
जीवन की लय
गूँज रहा है मोहक मधुमय
उड़ते रंग-गुलाल
मस्ती जग में छाई है
साजन! होली आई है!"
फणीश्वर नाथ ‘रेणु’

रंगोत्सव का पर्व होली तल्लीनता का,मदहोशी का,मस्ती का,नृत्य,नाच का सतरंगी उत्सव है।हंसी,ठिठोली, उल्लास ..कुछ भूल जाने की बहुत याद आने का,महोत्सव होली की बात ही और है।ऐसा नृत्य करता उत्सव है ...

तो क्या ? लेखनी न नाचेगी.. आंनद ले...

वो जो आप सभी के घर रंग है न...हम पाँच लिंकों ने ही तो भेजे हैं..🥳😎 रंगीन शमा सजती रहें.. नजर डालें.. जल्दी- जल्दी मुझे भी आप सभी की तरह बहुत कुछ बनाना है.✍️

आज हमारी कलम ने यही राग छेड़ा है..

रंग,रुबाई अंग -अंग में..

अहो!!
मतवारी हुई फागुनी रंग में
नैन हुई मतवाली भंग में
रंग,रुबाई अंग -अंग में,
अहो!!बोलों तो सही
फागुन कहाँ -कहाँ बसायें हो?
🥳


जोगीरा... सर ..रर...र....l2l
बाजत झाल मजीरा और मृदंग  ....
जोगीरा    सर ... रर...  र   l2l

 थिरकत पांव बजत पयजनिया..

 मनवां हुआ मलंग .....

🥳

फागुन की थाप

रंगों की प्रीत ने घोली हीना सी ऐसी मदमाती सुगंध चाल में l

केशों में गुँथी वेणी भी थिरक उठी इसके ही रंगों साज में ll

चंद्र शून्य भी भींग इसकी  बैजन्ती के कर्ण ताल में l

लहरा रही कुदरत प्यासे मरुधर मृगतृष्णा ताल में ll

🥳


मन के धुलें मलाल,अबीर गुलाल से प्यार में
मुबारक सबको होली,भींगो रंगों के फुहार में ।

आया फाल्गुन का महीना बहे फागुनी बयार 

साँसों में घुला चन्दन आबोहवा हुई गुलज़ार 
दिल हुआ बावरा मिश्री घोले प्राणों में पूरवा 

मधुऋतु का उल्लास लगे खिली-खिली दुर्वा ।
🥳


रंगों का अब इंतजाम ..बस करों,
होली पे ये इल्जाम ..बस करों

शिकायत अबकी हम से न होगी,
🥳

"क्यों न हो खुशियाँ अयाँ होली के त्यौहार पे..
होता है जब इज़्हार-ए-इश्क़ रंगों के ऐतेबार से" !!
अनाम
🥳


।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'✍️

4 टिप्‍पणियां:

  1. टोकरी भर गुलाल
    के साथ शुभकामनाएं
    बेहतरीन अंक
    आभार
    सादर....

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह! होली के रस रंग में सजा सुंदर अंक ।
    होली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दीदी!

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह!सुन्दर ,रंगीला अंक ।होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  4. ~ महिला दिवस की शुभकामनाए ~

    जवाब देंहटाएं

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