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मंगलवार, 31 जनवरी 2023

3655 ..मतलब वही... ग्रहदोष लगता है

 सादर अभिवादन

आखिर सन 2023 की आँखें बाहर देखने लगी
फरवरी की ओर...
इस वसंत को मौसम में एक और चढ़ेगा बुखार
कल से..वो है वैलेंटाइन का

अब देखें रचनाएँ ....




जो कुछ उसके पास है, वह छिन जाने का भय, रिश्तों के टूट जाने का भय अथवा उनके सदा एक सा न बने रहने  का भय। दूसरों के मन में अपने प्रति स्नेह व सम्मान  को खो देने का भय। समाज में अकेले रह जाने का भय और दूसरे हमारे बारे में क्या सोचते हैं, इसका भय।




विहीन प्रणय कविता, तलाशते हैं हम
रेत के नीचे अविदित जलाधार,
जहाँ छुपी रहती है अनंत
प्रीत की उत्पत्ति, धूप -
छाँव की तरह
प्रतिध्वनित
होती है




मेरी लाठी मुझे
सहारा तो देती है,
पर मुझे अच्छा नहीं लगता,
वह जब चलती है,
तो शोर बहुत करती है.




हे
सखी
वसंत
ऋतु आया
सब का मन
नाचे हो मतंग
खुशी से अंग-अंग
भर   गया   उमंग
सखियों के संग
देखूँ हो दंग
प्यारा रंग
अलग
रूप
है





अभी साधने है कई लक्ष्य ,
ज़िम्मेदारी के निभाने है कई चक्र ,
लिखनी कई #इबारत पसीने और खून से ,
अभी रखें दिल को जरा सुकून से ।




"ठीक है दादी ! मैं जरूर बात करुँगी मम्मी-पापा से।पर दादी ! मैंने एक बुक में पढ़ा कि अगर हम अच्छे से नहीं रहते , अपना काम अपने आप नहीं करते , चीजों को अस्त-व्यस्त फैलाकर रखते हैं और घर में जूते-चप्पल सही जगह सलीके से नहीं रखते तो हमारे ग्रहों पर भी इसका गलत असर पड़ता है। मतलब वही... ग्रहदोष लगता है, और फिर ऐसी गलतियों पर जब हमें बार-बार बड़ों की डाँट पड़ती है तो हम चिड़चिड़े भी हो जाते हैं" ।
.........................
आज बस
सादर

5 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय यशोदा मेम ,
    मेरी लिखी रचना ब्लॉग "अभी रखें दिल को जरा सुकून से " को इस मंच में स्थान देन के लिए बहुत धन्यवाद एवम आभार ।
    सभी संकलित रचनाएं बहुत ही उम्दा है , सभी आदरणीय को बधाइयां ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात ! पठनीय रचनाओं की खबर देती हलचल! सभी रचनाकारों को बधाई और शुभकामनाएँ, एक लेखक के लिए इससे बढ़कर और क्या हो सकता है कि उसकी बात औरों तक पहुँचे, '५ लिंक का आनंद' की संयोजक टीम का हृदय से आभार तथा आज के अंक में डायरी के पन्नों को शामिल करने हेतु आभार यशोदा जी!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति. मेरी रचना को स्थान देन के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन लिंक्स से सजी बढ़िया प्रस्तुति । पढ़ते हैं सब फिर से आ कर ।

    जवाब देंहटाएं
  5. लाजवाब प्रस्तुति सभी लिंक्स बेहद उम्दा एवं पठनीय ...मेरी रचना को प्रस्तुति में स्थान देने हेतु तहेदिल से धन्यवाद आपका।🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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