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शनिवार, 21 जनवरी 2023

3645.. मौन

 
हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...

ज्‍योतिषाचार्य का कहना है कि सिर्फ मुँह से न बोलना मौन नहीं होता। मौन वास्‍तव में आपके मन के शुद्धिकरण की प्रक्रिया का हिस्‍सा है। मौन का मतलब आपके अंतर्मन की शांत, स्थिर और निर्मल बनाने से होता है। इस दिन मौन रहकर व्‍यक्ति को अपने मन में भी किसी तरह के गलत विचारों को नहीं लाना चाहिए। शांत रहकर खुद के अंतर्मन में झांकना चाहिए और मन की अशुद्धियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए और एकाग्र होकर प्रभु के नाम का स्‍मरण करना चाहिए। यह एक तरह का तप जैसा है। अगर कोई व्‍यक्ति पूरे दिन मौन नहीं रह सकता तो कम से कम स्‍नान और दान पुण्‍य से पहले मौन व्रत जरूर रखे। इससे आपके अंदर की नकारात्‍मकता दूर होती है और आध्यात्मिकता का विकास होता है।

मौन

मौन भी आनंद है

मौन भी प्रकृति है

मौन भी अनंत है

मौन भी आयाम है

मौन भी आगाज़ है

मौन भी आवाज़ है

मौन

‘फैलेगा-फैलेगा हमारा मौन… समुद्र के पानी में नमक की तरह… नसों में दौड़ते रक्त में घुलता हुआ पहुंचेगा दिल की धड़कनों के बहुत समीप….और बोरी से रिसते आटे सा, देगा हमारा पता… हमारे मौन के धमाके से बड़ा उस वक्त कोई धमाका नहीं होगा. (मशहूर कश्मीरी कवि डॉ शशि शेखर तोशखानी की कविता की चंद लाइनें)!

मौन

धर्म रक्षा के लिए हथियार ना उठाओगे !!

आने वाली पीढियों को क्या मुंह दिखाओगे !!

विधर्मी के रक्त से ये धरा अब शुद्ध हो

कि अब जिहाद के खिलाफ एक धर्मयुद्ध हो !!

मौन

आपको फिर भी अपने मृतकों की याद में एक लम्हे का मौन चाहिए ?

हम आपको दे सकते हैं जीवन भर का खालीपन :

बिना निशान की क़ब्रें

हमेशा के लिए खो चुकी भाषाएँ

जड़ों से उखड़े हुए दरख्त, जड़ों से उखड़े हुए इतिहास

अनाम बच्चों के चेहरों से झांकती मुर्दा टकटकी

अठभुजवा

उनके पास कविता का कारखाना नहीं है। खेत है और बीज हैं। सिंचाई के लिए नदी का पानी है। लोहे के बन्द और लकड़ी से बना हाथा है, जिसके लिए उन्हें पहले बढ़ई के पास जाना पड़ा और फिर लोहार के पास भी। कुल मिलाकर वह 'हाथा मारने वाले' लेखक हैं। 

"काग़ज़ पर मैं उतना अच्छा नहीं लिख पाता

इसलिए खेत में लिख रहा था

अर्थात हाथा मार रहा था।"


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पुनः भेंट होगी...
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6 टिप्‍पणियां:

  1. मौन वास्‍तव में आपके मन के शुद्धिकरण की प्रक्रिया का हिस्‍सा है
    शानदार
    आभार,
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति प्रिय दीदी।मौन पर मौन कर देने वाली प्रस्तुति के लिए आभार।कई नये ब्लॉग देखे और उन की सामग्री बहुत अच्छी लगी।मौन ना सिर्फ मन को शुद्ध करता है।मौन के दौरान इन्सान खुद से मौन संवाद करता है।मौन वाचालता से कहीं भयावह और मारक होता है।दूसरे कहीं न कहीं सृजन का मूल भी यही है।मेरी कुछ पंक्तियाँ 'मौन ' के नाम
    मौन मुखर है मौन प्रखर है
    मौन में सब रंग मिलते
    मौन की उर्वर भूमि
    जहाँ फूल सृजन के खिलते!!

    आज के सम्मिलित सभी रचनाकारों को सादर नमन।आपको पुन आभार और प्रणाम 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. मौन संवाद पर मेरी एक रचना जो मेरे मन के बहुत करीब है---
    https://renuskshitij.blogspot.com/2018/02/blog-post_24.html?m=1
    🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर संकलन

    जवाब देंहटाएं
  5. मौन से विस्तार संवाद करवाता नायाब संकलन ।

    जवाब देंहटाएं
  6. जग के कोलाहल से विलग
    है उनकी अपनी एक दुनिया
    मौन की अभेद्य परतों में
    अबोले शब्दों के गूढ़ भाव...।
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    मौन मात्र शब्द नहीं है संपूर्ण अभिव्यक्ति है संवेनाओं से भरे एक संसार की।
    सभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगी।
    सदा की भाँति बेहतरीन संकलन।
    सस्नेह प्रणाम दी।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं

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