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बुधवार, 7 सितंबर 2022

3509 ...अहं से हम भरे हुए इच्छाओं के पत्ते हरे हुए

सादर अभिवादन
आज पम्मी सखी नहीं हैं
उनकी आँखों मे कोई समस्या है
शायद आज सुलझ जाए...फिर भी
आराम तो चाहिए न दो रोज
शीघ्र स्वस्थ हों वे
.......
हर तरफ ऊंचाइयां ही ऊंचाइया
कामयाबी की लम्बी-लम्बी
परछाइयां
परछाइयों में गुम कई चेहरे हुए
मगर हसरतों पर न
सख़्त पहरे हुए

अहं से हम भरे हुए
इच्छाओं के पत्ते हरे हुए
फिर भी हैं ठहरे हुए
क्योंकि अहं से हैं भरे हुए
-प्रकाश गुप्ता
....
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आज हर तरफ प्लास्टिक का बोल-बाला है। इन्हें बिलकुल नकार दिया जाना भी सम्भव नहीं है।  इनमें से कुछ पर्यावरण के तथा इंसान के लिए हानिरहित भी हैं। पर अधिकतर हमारे लिए और पर्यावरण के लिए हानिकारक ही हैं। इन्हें कभी भी गर्म नहीं करना चाहिए, जब तक उस पर ऐसा करना हानिरहित न लिखा हो। ज़रा सी टूट-फूट होने के बाद इनका उपयोग नहीं करना चाहिए।  इनका उपयोग भी खूब सोच-समझ कर ही करना चाहिए। इसकी श्रेणियों में 1, 2, 4, 5  को उपयोग के लिए सुरक्षित और 3, 6, 7, खासकर 7 को हानिकारक मान कर उनका कम  उपयोग करना चाहिए। यदि किसी प्लास्टिक की वस्तु पर कोई कोड ना लिखा हो तो उसे ना खरीदना ही बेहतर है।





कुछ भी कह लो
सफाई देने में
भले ही साम दाम दंड भेद अपना लो
पर्व, त्योहार,
एवं किसी के आने पर
खाने की जिस खुशबू से
घर मह मह करता था,
खुशियों की खिलखिलाती पायल बजती थी,
वह अब गुम है




खुश्बू, दो घड़ी ही, दे सका फूल,
कर गया, कैसी भूल,
रंग देकर, बाग को, वहीं मिट चला,
बिछड़ा यहीं,
इस सफर में, जो भी मिला!




उम्मीदों पर वज्रपात!
प्रतिभा पर घात!
बाहर हो  बात,
भीतर घात!  
अब कौन करे?
और  कैसे करे?
बदलाव की बात!
जब हो जाता हो,
क्रांति का ही गर्भपात!




एक आते है "राम" भगवान इनको कवनो फर्क ही नही पड़ा काटे कंकड़ पत्थर जंगल झाड़ी नग्न पैर चलते रहे है , जहा जहा गए छाप अपनी छोड़ते रहे ... बिना रुके बिना थके समुद्र से याचना किया , चाहते तो पहले ही तीर निकालकर चीर देते समुद्र को... लेकिन दिव्य शक्तियों का प्रयोग हर वक्त करने से मनुष्य "मरा" सिद्ध होता है, "राम" बनने के लिए पौरुष बल ही बड़ा होता है....सब्र और प्रतीक्षा बांध टूट गया जब "राम" के सामने तो ...प्रश्न उठता है यहां हम क्यों चले "आराम" करने।

आज बस
सादर

6 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात दोस्तों।।। सभी सम्माननीय लेखाकारों और साहित्य प्रेमियों को मेरा नमन अभिवादन।।।

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  2. शुभ प्रभात दोस्तों।।। सभी सम्माननीय लेखाकारों और साहित्य प्रेमियों को मेरा नमन अभिवादन।।।

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  3. बहुत ही सुन्दर रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम

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  4. आपका बहुत आभार आदरणीय यशोदा जी मेरे ब्लॉग को स्थान देने के लिए... अभी लिंको पर क्लिक किया पढ़कर आनन्द आ गया🌻❤️

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