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रविवार, 14 अगस्त 2022

3485 ...उन वीर भारती का सम्मान है तिरंगा

 सादर अभिवादन

भारतीय स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर
आप सभी का स्वागत है, अभिनन्दन है
भारत की स्वतंत्रता निर्विवादित रूप से अक्षुण्य रहे
1947-1950 के दौरान पढ़े-लिखे भारतीयों की किस्मत के ताले खुले
उन दिनों भारत की नितान्त आवश्यकता थी शिक्षा की सो उन दिनों शिक्षित-अर्धशिक्षित युवकों को तत्काल प्रभाव से शिक्षक की जवाबदारी दी गई और उन्हीं दिनों सरकारी ऑफिस में विदेशों  शिक्षित अधिकारी बनाए गए और क्लर्क व सहायक अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई और अधिकांश चाटुकार नेता बन गए.....आगे का हिस्सा आप स्वयं लिखकर पढ़ें...
रचनाएँ देखें ...




सच है नहीं कहानी कहते बड़े पुराने।
उन वीर भारती का सम्मान है तिरंगा॥

बलिदान से महकती धरती सदा हमारी।
रखना सदा बचाकर यह मान है तिरंगा॥



रूस और यूक्रेन लड़ रहे
एक दूजे पर दोष मढ़ रहे
चीन युद्ध अभ्यास कर रहा
ताइवान की ओर बढ़ रहा
पाकिस्तानी आतंकवादी
घुसते भारत में उन्मादी





साहिब ! ..
आपका अपनी
महफ़िल को
तारों से सजाने का
शौक़ तो यूँ
लाज़िमी है ..
आप चाँद जो ठहरे .. शायद ...



ये देवकी का जाया जो लाल है
और सुभद्रा का कृष्ण गोपाल है
उसके हाथों में आज सजाऊँगी
मैं तो रेशम का धागा लाल लाल है
सखी देखो न शुभ घड़ी आई रे ।
मेरे भैया की सजेगी कलाई रे ॥



आज बस
सादर

4 टिप्‍पणियां:

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