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मंगलवार, 9 अगस्त 2022

3480 .."तुम देशद्रोही थे ही मुझे लपेटे में ले लिए?"

सादर अभिवादन .....
नौ दिन का हो गया अगस्त
कैलेण्डर में
मोहर्रम ( ताजिया )
लिक्खा है और शिवरात्रि भी लिक्खा है
सोच रही हूँ कि
2023 आने की भी
शुभकामनाएँ दे ही दूं

आनन्दित हो गई
आदरणीय विभा दीदी का आलेख -कम-लघुकथा पढ़कर
लोगों को सांप से भय लगता है
पर..लोग उनके बगल में सोते भी हैं

चलिए रचनाएँ देखें....




क्या हमारी इतनी औकात न थी
हमने क्या किया था बता पाते
पर हमारे हाथ  में कुछ न था
अब बेकस मजबूर हो कर रह गए थे |






कान्हा इक उज्ज्वल प्रकाश सा  
राह दिखाता मानवता को,
चुरा लिया नवनीत हृदय का  
ओढ़ लिया उर सुंदरता को !



"अपने औकात में रहिए। आप अमृता की सखी हैं। कुछ भी कहने का अधिकार
नहीं पा जाती हैं...!" रवि जोर से चिल्लाया
"तुम देशद्रोही थे ही मुझे लपेटे में ले लिए?" अमृता ने कहा
"क्या तुम्हें पता नहीं था कि किंग कोबरा ही घोंसला बनाता है।" रवि ने कहा





वैसे तो बदलाव जीवन की रीत है. दुनिया घूम रही है अपनी धुरी पर सूर्य भगवान को छोड़ सभी ग्रह घूम रहे हैं.पूरी कि पूरी कायनात घूम रही है फैल रही है,सुकड रही है?

हम हथियार बना रहे हैं,खरीद रहे हैं,बेच रहे हैं,लड़ रहे हैं, लडवा रहे हैं.

दो बरस  पहले एक  त्रासदी से गुजर कर जो लोग बच गए वे सामाजिक त्रादसी में फँस चुके हैं.






कभी खुबानी, कभी आड़ू,
कभी बाबूगोशा, कभी घिंगोरा,
कभी तिमला, तो कभी किलमोड़ा ये सारे।
मानो पहाड़ी पेड़-पौधों पर
और .. स्वाभाविक है तभी तो
पहाड़ी बाज़ारों में भी
टिकना जानते ही नहीं फल,
ख़ास कर काफल,
किसी बंजारे की तरह .. शायद ...  





भुला चुका हूँ तुम्हें
अपनी यादों से ,
अपने वादों से ।
निकालकर फेक चुका हूँ तुम्हें
ख्यालों के पन्नों से ,
ख़्वाबों के धागों से ।
हाँ ! तू अब भी आना
चाहती है रूप बदलकर ,




 "और मुझे लिखने थे किस्से..कभी दर्द के, फ़रेब के, इस्तेमाल किए जाने के, आउटसाइडर ट्रीट किए जाने के, डंप हुए जाने के और यह भी जतलाये जाने के कि "तुम हो ही कौन?? क्या वजूद?? क्या ठिकाना? क्या शौहरत??? क्या रुतबा??"

आज बस

सादर 

8 टिप्‍पणियां:

  1. जी ! सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को अपने मंच पर स्थान प्रदान करने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. हार्दिक आभार आपका... यह बड़ी बात होती मेरे लिए जब आपको मेरा लिखा पसन्द आता है

    श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर संकलन !
    मेरी रचना अपने मंच पर शामिल करने के लिए
    आभार एवं धन्यवाद !
    आपका स्नेह एवं सहयोग मेरे लेखन के लिए ऊर्जा तुल्य है ... I

    जवाब देंहटाएं
  5. पठनीय सूत्रों से सजी सुंदर प्रस्तुति ।।आभार ।

    जवाब देंहटाएं

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