---

रविवार, 26 जून 2022

3436 ...नेता अपनी पार्टी के प्रति ही वफादार नहीं होते

सादर अभिवादन.....
अंतिम रविवार माह जून का
जातिगत आरोप-प्रत्यारोप
बदस्तूर जारी है.....और
जारी भी रहना चाहिए..
आम जनता उसी में उलझी रहती है
कुछ दिनों पहले पढ़ी थी कुछ
असहिष्णु लोग तुर्की मे
जमीन-जायदाद खरीद रहे हैं...और
कुछ दुबई में..
अब वहां से राजनीतियों का
दौर चालू हो जाएगा...अस्तु

रचनाएँ देखें.....



जो करते हैं दगा-फरेबी,
वो पाते हैं दूध-जलेबी,
सच्चाई के सारे गहने,
महफिल में नीलाम हो गये।
जो मक्कारी में अव्वल थे,
वे सारे सरनाम हो गये।।




भाई ने बताया
नेता अपनी पार्टी के प्रति ही वफादार नहीं होते
और हम उन पर भरोसा करके
उनके हाथों में देश और राज्य दे देते।
अब क्या कहें
राजनीत वाले केवल
अपने तोंद के प्रति वफादार होते हैं




उसका कहना था वो अमेरिकी सेना में कमांडर हैं  और भारत में अध्ययन के लिए दो साल के लिए यहाँ आया हैं  | आपको इतने पर ही हँसी  आ रही होगी | फिर पता चला उसके साथ उसकी पत्नी और दो बेटे भी साथ आये थे भारत और सोचिये रहते कहाँ थे वो,  होटल ताज वो भी कोलाबा  गेटवे वाले ताज में |




बहुत बाद के बाद
वात से वार्ता करता मैं
नील नदी के स्वप्न में
तड़क कर उठता
चल देता
तुम्हारी ओर




ख़तो-क़िताबत चलन से बाहर
फ़िज़ाएं चैटिंग में ढल रही हैं।

जिसे भी देखो हुआ सियासी
हवाएं कैसी   ये चल रही हैं





तू लाख मना, अब मुझको
पक्की कट्टी,  मेरी तरफ से

ज़ख़्म मैंने दिया है तो फिर
मलहम पट्टी, मेरी तरफ़ से


आज बस

सादर 

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहन यशोदा अग्रवाल जी!
    मेरी पोस्ट का लिंक पाँच लिंकों में शामिल करने के लिए
    आपका आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
    श्रमसाध्य प्रस्तुतिकरण हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर चयन । सभी लिंक्स तक पहुँचाने के लिए आभार । राजनीति अब जनता के लिए नहीं है बस अपने अस्तित्त्व को बचाने की लड़ाई बन कर राह गयी है ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर सराहनीय तथा पठनीय अंक। आभार दीदी ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर रचनाओं का संकलन....

    जवाब देंहटाएं
  6. राजनीति मे आरोप-प्रत्यारोप सत्तर सालो से चल रहा है और सात सौ सालो तक चलता रहेगा । इसमे कुछ नही बदलने वाला है । मेरी पोस्ट चर्चा मे शामिल करने के लिए धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।