भले ही न याद हो
आप कभी हँसे थे खुलकर भी,
पथरायी आँखें भूल गईं हों चमकना,
और दिल में सुलगता हो शोला भी,
पर हुजूर मुस्कुराना ज़रूरी है।
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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बेहतरीन अंक..
जवाब देंहटाएंआभार..
सादर..
सारे लिंक्स पर गई ।सभी रचनाएँ सराहनीय और पठनीय । बहुत आभार आपका ।
जवाब देंहटाएंशानदार अंक
जवाब देंहटाएंव्यस्तता से समय चुराना इसे ही कहते हैं
सादर...
सब लिंक्स पढ़ लिए । आभार
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंअच्छी हलचल!
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद श्वेता जी,कल व्यस्तता के कारण उपस्थित नहीं हो पाई, क्षमा चाहती हूं, आप सभी का स्नेह बना रहे यही कामना करती हूं 🙏
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति...
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