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शनिवार, 7 मई 2022

3386... रविन्द्रनाथ टैगोर जयन्ती

 हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...

'आस्था वह चिड़िया है जो अँधेरा होने पर भी उजाले को महसूस करती है' यह बताने वाले रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने दो देशों के राष्ट्रगान लिखे थे। भारत के जन्म का गाना और बांग्लादेश के आमार सोनार बांग्ला है। वे बचपन से ही कविताएँ लिखने के शौकीन थे उन्होंने महज 8 वर्ष की उम्र से कविताएँ लिखना शुरू कर दिया। उन्होँने अधिकांश तौर पर अपने कविताएँ के माध्यम से प्यार और सौहार्द्र के बारे में बताया। शान्ति का निवास स्थान शांतिनिकेतन नामक यूनिवर्सिटी का स्थापना किया। उनको गीतांजलि के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गीतांजलि मनाती सोनार तारी जैसे प्रसिद्ध संस्करण लिखे। उनको पूरी दुनिया गुरुदेव के नाम से भी जानती है। उनकी शादी मुन्नालेनी देवी से हुई तो वे 23 वर्ष के थे। उनकी मृत्यु 7 अगस्त 1941 को हुआ था।
मुख्य बात है हम हाइकु उनकी वजह से ही जानते हैं... काठमांडू (नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव,28 अप्रैल से 2 मई तक) में कई नेपाली हाकुकार से भेंट हुई... बेहद सुखद पल रहा...
उपदेश देना सरल है पर समाधान बताना कठिन
खुश रहना बहुत सरल है लेकिन सरल होना बहुत मुश्किल
तथ्य कई हैं मगर सत्य एक है..
वह सब कुछ हमारे पास आता है जिसे हम प्राप्त करने की क्षमता बनाते हैं..
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पुनः भेंट होगी...
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9 टिप्‍पणियां:

  1. प्रणाम दी,
    आपकी प्रस्तुति का ये अंदाज़ मुझे बहुत पसंद है। बेहद सुगढ़ता से सुरुचिपूर्ण सूत्र संजोकर इस विशेष अंक को अति विशेष कर दिया है आपने।
    विश्वविख्यात साहित्यकार, चित्रकार, दार्शनिक, शिक्षाशास्त्री रवीन्द्रनाथ टैगोर किसी भी परिचय के मोहताज नहीं। हमारे देश के एक गौरवशाली व्यक्तित्व, इन्हें नोबल पुरस्कार के प्रथम भारतीय होने का गौरव प्राप्त है।
    . प्रकृति प्रेमी, महान नाटककार, कहानीकार, अभिनेता, रवीन्द्रनाथ भारत के उन महान सपूतों में से एक हैं जिन्होंने अपने देश का नाम विश्व में अमर कर दिया।
    सादर आभार दी।


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  2. बहुत सुंदर और सूचनाप्रद सूत्र गुरुदेव के बारे में। आज फ़ेसबुक पर शिवदयाल जी का भी एक सुंदर लेख गुरुदेव पर पढ़ने को मिला।

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  3. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति

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  4. साहित्य के गुरुदेव को समर्पित एक उत्कृष्ट प्रस्तुति प्रिय दीदी।अनमोल लेखों के माध्यम से गुरुदेव की उपलब्धियों से परिचित कराने के लिए हार्दिक आभार आपका।एक उत्तम कवि,साहित्यकार और युगसृष्टा की पुण्य स्मृति को सादर नमन।बहुत समय पहले मैंने भी एक लेख लिखा था गुरुवर पर।

    https://mimansarenu550.blogspot.com/2018/05/blog-post_6.html
    🙏🙏

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  5. साहित्य के गुरुदेव को समर्पित एक उत्कृष्ट प्रस्तुति प्रिय दीदी।अनमोल लेखों के माध्यम से गुरुदेव की उपलब्धियों से परिचित कराने के लिए हार्दिक आभार आपका।एक उत्तम कवि,साहित्यकार और युगसृष्टा की पुण्य स्मृति को सादर नमन।बहुत समय पहले मैंने भी एक लेख लिखा था गुरुवर पर।

    https://mimansarenu550.blogspot.com/2018/05/blog-post_6.html
    🙏🙏

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  6. रविन्द्रनाथ ठाकुर जी के जन्मदिन पर विशेष प्रस्तुति ज्ञानवर्धक है ..... हाइकु विधा को भारत लाने का श्री गुरुवार को जाता है ये अच्छी जानकारी मिली ... इस प्रस्तुति के लिए आभार ...

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  7. गुरुदेव की रचनावली से बंगाल का कण कण और मानव का मन झांकता है । उनकी कृतियों को जानने का अनुभव सबसे अलग है । उनको समर्पित इस अंक के लिए धन्यवाद ।

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