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बुधवार, 30 मार्च 2022

3348..क्यों बढ रहे.. थिंक टैंक

 

।।प्रातः वंदन ।।

"फिर दरका पूरब —

बही धार,

लाली से

धरती का सिंगार,

रंग भरे व्योम के

ओर-छोर

पूरब जागा

दिशि रोर घोर!

यह लाली —

जैसे नई ज्वाल

नूतन लय जीवन में

जीवन की नई ताल!"

रामशरण शर्मा 'मुंशी'

अलसाई सी दुपहरी और वही शब्दों के ताना -बाना में आजकल न जाने क्यों कुछ हलचल सी होती है…✍️


न जाने क्यों…

तुम्हारी याद मेरे  मन के

 दरवाज़े पर

पछुआ पवन सी

दस्तक देने लगी है 

तुम्हारे घर का आंगन

नींद में भी

🔶🔶

ख्याल तक नहीं आया उसका..

यह तो उसे न खोज पाने का   

एक बहाना हो गया

अतिव्यस्त हूँ 

 कहने को हो गया|

ख्याल तक नहीं 

आया उसका

जिससे मिले 

ज़माना हो गया |

तुमने  अपने मन में 

झांकने की

 कोशिश तो की होती 

🔶🔶

विभीषिका 

प्यारी चिड़िया

आकुल मन से देख रही हूँ तुम्हें

बेहद काले गाढ़े धुँए के गुबार से

बाहर निकलते हुए

हैरान, परेशान,  

आकुल व्याकुल, रोते, चीखते

🔶🔶

एक पड़ताल: क्‍यों बढ़ रहे हैं भारत में थिंक टैंक?




 


किसी भी देश की प्रगति उसकी आमजन की प्रगति से जुड़ी होती है, और इस प्रगति का पाथ-वे बनती हैं वो ‘नीतियां’ जिन्‍हें विभिन्‍न थिंक टैंक सर्वे और विश्‍लेषणों द्वारा सरकार को सुझाते हैं। लोगों का जीवनस्‍तर सुधारने के लिए जो भी उपाय सरकारें करती हैं, उनमें थिंक टैंक्‍स द्वारा सुझाए गए उपाय ”नींव के पत्‍थर” का काम करते हैं। इनकी संख्‍या का भारत में बढ़ते जाना कई बिंदुओं पर पड़ताल को बाध्‍य कर रहा है, हालांकि ये पॉजिटिव खबर है परंतु इस बीच कुछ..
🔶🔶

जाते- जाते सच बताना ...क्या तुम्हें भी कुछ मिला..

प्यार सौदा है
जिसके बदले में कुछ नहीं मिलता 
 
मुझे तो कुछ नहीं मिला
पर सच बताना ... क्या तुम्हें भी..

🔶🔶
।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'✍️

11 टिप्‍पणियां:

  1. विविध रचनाओं का उम्दा संकलन ।
    हार्दिक शुभकामनाएं पम्मी जी ।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित सुन्दर संकलन । आपका बहुत बहुत आभार पम्मी जी “न जाने क्यों” को संकलन में सम्मिलित करने हेतु। सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात
    आभार सहित धन्यवाद पम्मी जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज की हलचल ! मेरी रचना को भी सम्मिलित किया आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार पम्मी जी ! सप्रेम वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बहुतआभार पम्‍मी जी कि मेरी रचना को अपने इस नायाब मंच पर स्‍थान दिया। हार्दिक धन्‍यवाद

    जवाब देंहटाएं

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