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सोमवार, 4 अक्टूबर 2021

3171 ...कहाँ गए वो निस्वार्थी सच्चे ईमानदार लोग

सादर अभिवादन..
सादर अभिवादन...आज की शुरुआत एक संस्मरण से
कहाँ गए वो सच्चे लोग,
और कितनी भोली थी वह मां जिसे मालूम नहीं था कि उसका बेटा ही रेलमंत्री है
उन्होंने माँ को नहीं बताया था कि वो रेलमंत्री हैं। 
कहा था, ''मैं रेलवे में नौकरी करता हूँ।'' 
वो एक बार किसी कार्यक्रम मे आए थे जब उनकी माँ भी वहाँ पूछते पूछते पहुची कि मेरा बेटा भी आया हैं वो भी रेलवे में हैं। 
लोगों ने पूछा क्या नाम है उन्होंने जब नाम बताया तो सब चौक गए बोले, 
''ये झूठ बोल रही है।'' पर वो बोली, ''नहीं वो आए है।''
लोगो ने उन्हें लाल बहादुर शास्त्री के सामने ले जाकर पूछा, ''क्या वहीं हैं ?''
तो माँ बोली, ''हाँ, वो मेरा बेटा है।'' 
लोग, मंत्री जी से दिखा कर बोले, ''वो आपकी माँ है।'' 
तो उन्होंने अपनी माँ को बुला कर पास बैठाया और कुछ देर बाद घर भेज दिया।
तो पत्रकारों ने पूछा, ''आप ने, उनके सामने भाषण क्यों नहीं दिया।'' 
''मेरी माँ को नहीं पता कि मैं मंत्री हूँ। अगर उन्हें पता चल जाए तो लोगों की सिफारिश करने लगेगी और मैं मना भी नहीं कर पाउंगा।  ....... और उन्हें अहंकार भी हो जाएगा।''
जवाब सुन कर, सब सन्न रह गए। 
"कहाँ गए वो निस्वार्थी सच्चे ईमानदार लोग ...... '' हम सदैव स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को अपना जीवन आदर्श मानकर कार्य करते रहेंगे।वन्दे मातरम् ...
-सखी श्वेता की वाल से

अब चलिए रचनाएं देखें



आह ! मिट जायेगा कौमार्य,
पतित मैं कहलाऊंगी नाथ।
न जीवित रह पाऊंगी लिए,
कलंकित अपना अवनत माथ।

अरी रमणी सुन मेरी बात!
न आयेगा ऐसा दुर्भाग्य।
न कलुषित होगा तेरा गात,
न टूटेगा मेरा वैराग्य।




बारिश की बूँदों का
फूल-पत्तों की अंजुरी में
सिमटकर बैठना
बाट जोहती टहनियों का
हवा के हल्के झोंके के
स्पर्श मात्र से ही
निश्छल भाव से बिखरना




तुम श्रेष्ठ रूप मानवता के
सच्चा स्वर पीड़ित जनता के
कोई लाख करे कद छोटा तेरा
तेरी छवि मिटाना मुश्किल है
बापू तुम अब भी जिंदा हो
कभी तुझे भुलाना मुश्किल है।





कड़वे सच छीन रहे
रिश्ते मुझ से!
झूठ बोलने का
हुनर लाऊं कैसे!?
यादों की दलदल से
बाहर आऊं कैसे?




कोई भी
नहीं चाहिए
प्रश्न अभी
घिरी हुई हूँ
अभी मैं बहुत से
प्रश्नों से घिरी
नहीं न जीना
चाहती मैं......ये
छटपटाती ज़िन्दगी
....
कल की कल
सादर

7 टिप्‍पणियां:

  1. बड़े ही सुन्दर सूत्रों की प्रस्तुति..

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन रचनाओं से सजी बहुत ही उम्दा रचना
    मेरी रचना को सामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर सार्थक सूत्रों का संकलन, बहुत बहुत शुभकामनाएं आदरणीय दीदी 🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुंदर भूमिका सार्थक संदेश देती श्वेता दी की क़लम कमाल की है। बेहतरीन संकलन में मुझे स्थान देने हेतु दिल से आभार आदरणीय यशोदा दी जी।
    सभी को बधाई।
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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