---

शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

3147...उन्ही ख़ामोशियों में हम, और, संग हो तुम

सादर अभिवादन
उपवास है आज
सोचे प्रस्तुति सुबह-सुबह ही बना देते हैं
पर आज अभी तक बनाते हुए
अपने आपको बहलाए हुए हैं

सबसे पहले देखिए रचनाएँ... ...

नहीं आता ..... संगीता स्वरूप दीदी
डूबी रहती हूँ बेतरतीब ख़यालों में रात भर
आँखों में कोई ख़्वाब सुहाना नहीं आता ।

बदनीयत हो गयी सारी दुनिया ही जैसे
किसी को भी एहसास निभाना नहीं आता ।



मैंने जब-जब मेरे शिवा को अपने हाथों से मिट्टी के गणेश की प्रतिमाओं की आकार देते देखा है तब-तब मैंने अनुभव किया कि पीओपी की तुलना में मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाने में कठिन परिश्रम और समय की आवश्यकता तो पड़ती ही है, 
साथ ही साथ उसके धैर्य की भी परीक्षा होती है।



आज बस .. अब .. कल के वादानुसार आइए .. कुछ भी कहते-सुनते (लिखते-पढ़ते) नहीं हैं .. बल्कि हम मिलकर देखते हैं .. मुंशी प्रेमचंद जी की मशहूर कहानी- कफ़न पर आधारित एक लघु फ़िल्म .. हम प्रशिक्षुओं का एक प्रयास भर .. इस "ना 'सिरचन' मरा, ना मरी है 'बुधिया' ... -(भाग-४)." - अंतिम भाग  में .. बस यूँ ही ...



एक दिन
एक ऊँचा सा पहाड़ मुझसे बोला
ऊँचाई देखती हो मेरी
कभी देखा है
जमीं में मैं कितना धँसा हुआ
शायद इस ऊँचाई से भी अधिक
मैं स्तब्ध थी



समस्या धरती की है निदान भी यहीं है,
जाने बिना ऐसे मत अनंत में कूद पड़ों।

जलजला संभालने वाले भतेरे हैं इर्द गिर्द,
मत खुद को असहाय समझ छूट पड़ो।



जिसकी सुबहें
सोने जैसी
दिन रजत ,ताम्र संध्याएँ हैं,
जिसके हिमगिरि
नभ,चाँद सुभग
वेदों संग परीकथाएँ हैं,
जिसके सागर में
रत्न सभी
जिसका हर उपवन नन्दन है।



वे रीछ और वानर युग के
दिखते आदिम मानव जैसे
वनचर भी उनसे डरे हुए
पीते अपनों का लहू ऐसे

वे मानुष हैं या नर पिशाच
मनु की पहचान ही गौण हुई


क्या
जानें
आओगे
भुलाओगे
कौन बताये
किस्मत हमारी  
फितरत तुम्हारी !


जैसे, रुक सी रही हो, इक नदी,
चीख कर, खामोश सी हो, इक सदी,
ठहर सा रहा हो, वक्त का दरिया,
गहराता सा, एक संशय,
इक-इक पल, लिए कितने आशय,
पर, संग, बड़े बेखबर से हम,
और, गुम से तुम!
....
गणेश पर्व की शुभ कामनाएँ..
आज के लिए बस इतना ही
कल मिलिएगा बड़ी दीदी से
सादर

5 टिप्‍पणियां:

  1. अखण्ड सौभाग्यशाली रहें
    गणेश पर्व की शुभ कामनाएँ..

    उम्दा चयन हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. जी! नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को अपने मंच पर साझा करने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  3. गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को ! आज की हलचल में मेरी रचना को भी स्थान दिया आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार प्रिय यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे ! सिद्धि विनायक की कृपा सभी पर बनी रहे !

    जवाब देंहटाएं
  4. सभी को गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।