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रविवार, 22 अगस्त 2021

3128 ..अपना-पराया यहाँ कोई नहीं सब कैमिकल की बातें हैं

सादर अभिवादन
आज रक्षाबंधन है
आज से तीन दिन पहले दीदी को फोन करके पूछी थी
राखी मिली कि नहीं , पिछले सप्ताह कूरियर की थी
बताइएगा नहीं मिली तो मैं स्वयं आऊँगी
दीदी ने कहा नहीं मिली फिर भी देखती हूँ
वापस पलट कर फोन आया कि दीदी आज ही आई है
लोग उपरोक्त घटना को जोक के रूप में लेते थे
मेरे साथ हकीकत मेरे ये हो गया 


तुम्हारी हर बात को गौर से सुन रहा है चुपचाप. जो चुप रहते हैं न! वो बहुत समझ कर और गौर से सुनते हैं. लो, अब वो चूहा कह रहा है:
अब तुम्हारे पास जवाब नहीं है. बहस तो शुरु कर ली, पूरा ज्ञान एक ही बारी में उलट कर रख दिया और अब खिसकने का रास्ता देख रहे हो!! खिसको..खिसको!! यही तुम्हारी फितरत है. जब जबाब न सूझे, तो खिसक लो!!


कितनी सहजता से हम कह जाते हैं
जो गुज़र गया सो गुज़र गया,
फिर भी रात गहराते हम टटोलते हैं
गुज़रे हुए लम्हात,
स्मृति की झोली
यूँ ही निष्क्रिय पड़ी रहती है
बंद आंख के किनारे,
कांच की चुभन लिए उंगलियों में,
ज़िन्दगी करवट बदलती है


एक डाल के फल हम बहना
संग संग सीखा,सुख दुख सहना

एक साथ थे ,जब कच्चे थे
मौज मनाते ,सब बच्चे थे
वो दिन भी कितने अच्छे थे
एक दूजे पर ,प्यार लूटना ,
याद आता वो मिलजुल रहना
एक डाली के फल हम बहना


हमारी गृह लक्ष्मियाँ
दया की दिव्यधर्मियाँ
करूणा की ऊर्मियाँ
सदैव सुकर्मियाँ
सिद्धलक्ष्मियाँ
नित सँझा को
पहले आँचल भर-भरकर
फिर उसे श्रद्धा से उलीच-उलीच कर
मानो धरा को ही चिर आयु का
आशीष देती रहतीं हैं .



किसकी किससे प्रीत यहाँ पर
सब क्षण-दो-क्षण के नाते हैं
अपना-पराया यहाँ कोई नहीं
सब कैमिकल की बातें हैं
...
रक्षाबंधन का शुभ कामनाएँ
सादर


3 टिप्‍पणियां:

  1. श्रावणी पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ । रक्षाबंधन पर्व का उल्लास चहुंओर प्रस्फुटित हो रहा है । इसके आलोक में प्रस्तुत प्रस्तुति अति सुन्दर है । हार्दिक बधाई आपको ।

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  2. सुंदर संकलन। लाजवाब लेखन। आज की सभी पोस्ट दिल छू गईं।
    https://hindisuccess.com

    जवाब देंहटाएं
  3. सभी रचनाएँ अप्रतिम सौंदर्य बिखेरती हुई सुंदर संकलन, मुझे स्थान देने हेतु असंख्य आभार - - नमन सह।

    जवाब देंहटाएं

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