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मंगलवार, 17 अगस्त 2021

3123 ..बेचारी जंगल की चिरैया के सारे आस टूट गये

सादर अभिवादन
आज भाई कुलदीप जी नहीं है
शायद स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में व्यस्त हैं
और वे जितना ज्यादा काम करेंगे ..उतना ही दक्ष होंगे

देखिए आज की रचनाएँ,,

उसने
दरवाज़े के माथे को
अपनी हथेली की
थाप से चूमा
और
एक दस्तक रख दिया


सुबह
दूर कुछ
थके पैरों
का एक कारवां
ठहरा है।
देख रहा हूँ
पैरों पर सूजन से
टूट गईं हैं
बच्चों की चप्पलें।


अब भला इस जंगल की चिरैया को कौन पूछे। सबसे प्यारा गाना गाती है तो गाए, सबसे मधुर आवाज है तो है।उसका निवास तो अच्छी जगह नहीं है न।भला जंगल में रहने वाली चिरैया को इतनी प्रसिद्धि क्यों ? जब बड़े-बडे़ शहरों में रहने वाली चिरैया यहां मौजूद हैं।उसे छोड़ अन्य चिरैयों को चयनित कर पुरस्कृत किया गया।बेचारी जंगल की चिरैया के सारे आस टूट गये।


कुछ लिखने का |  
ऐसा न हो पाया
उम्र के तकाजे ने
धोखा दिया अधबीच में
भाग्य साथ न दे पाया|
स्वास्थ्य ने साथ न  दिया
भावों को उड़ान  न दे पाई  
अभिव्यक्ति कुंठित हुई



”आज जवान के सीने पर एक और मैडल।”

मूँछ पर ताव देते हुए रितेश अपनी पत्नी प्रिया से फोन पर कहता है।
”बधाई हो...।”

प्रिया ख़ुशी और बेचैनी के तराज़ू में तुलते हुए स्वयं को खोजती है कि वह कौनसे तराज़ू में है ?
”अरे! हम तो हम हैं, हम थोड़े किसी कम हैं।”


कुछ सुरी, कुछ बेसुरी,
ढोलक-चम्मच की थाप पर,
गा-गा कर पुरुषों वाली माँ-बहन की,
ऐसी-तैसी करने वाली गालियाँ बेधड़क।
वर पक्ष की महिलाएं, वधू पक्ष के लिए,
शुभ तिलक के शुभ अवसर पर,
या फिर वर पक्ष के लिए, वधू पक्ष की महिलाएं,
बारातियों को सुना-सुना कर, उनके भोज जीमने तक।
भद्द पीटती थी, फिर तो सभी बारातियों की,
माँ, बहन, मौसी, चाची, फुआ, भाभी की,
करके सभी की ऐसी की तैसी मटक-मटक .. बस यूँ ही ...
....
बस
कल आएँगी पम्मी सखी
सादर


7 टिप्‍पणियां:

  1. जी ! सुप्रभातम् वाले नमन संग आभार आपका .. मंच पर अपनी आज की बेहतरीन, बहुरंगी प्रस्तुति में मेरी बतकही को आम करने के लिए .. बस यूँ ही ...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत आभार आपका...। मेरी रचना को सम्मान देने के लिए साधुवाद...।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात आभार सहित धन्यवाद मेरी रचना को स्थान देने के लिए इस अंक में |

    जवाब देंहटाएं
  4. सादर आभार आदरणीया यशोदा दी जी मेरी लघुकथा को मंच पर स्थान देने हेतु।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन अंक। अच्छी रचनाएँ हैं, विविधता को लिए हुए हैं। सादर।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर सराहनीय और पठनीय अंक, बहुत शुभकामनाएं आदरणीय दीदी 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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