---

रविवार, 14 फ़रवरी 2021

2039 ...माँ कहाँ खोई हो,पिज्जा आ गया

सादर अभिवादन
आज भाई कुलदीप जी नहीं हैं
शायद शहर से बाहर हैं
फिर भी समय को तो गुजरना ही है....

तुलना के खेल में
मत उलझो

क्योंकि
इस खेल का
कोई अंत नहीं....!

जहाँ तुलना
की शुरुआत होती है
वहीं से
खुशी और अपनापन
खत्म होता है.....!!

अब रचनाएँ......

काश इन हर्फों में आवाज होती
तुम अल्फ़ाजों की मेरे सदा सुन लेते
करें बेचैन यादें बीते लम्हों को याद कर
यही बेकरारी तुम भी अहसासों में गुन लेते
बिन तेरे कितना उचाट मेरे ज़िन्दगी का दायरा
तुम भी करके बंद आँखें मुझ सा ख़्वाब बुन लेते ।


कुछ ना करने से और तार उलझेगा ।
दम तोङेंगे सुर, राग बिखर जाएगा ।
कुछ करने से ही जीवन क्रम सुधरेगा ।
जो ग़लत राह चुनते हैं, उन्हें जाने दो ।
तुम अपने जीवन को तो सही दिशा दो ।


ख़ून में डूबी हुई वादी अकेली रह गई
ज़िन्दगी फिर मौत के लम्हे उठाने चल पड़ी

धूप, "वर्षा"-बादलों की भीड़ में खो कर कहीं
नाम गुमनामों की सूची में बढ़ाने चल पड़ी



मुस्काकर दो पल आंगन में ,
मौन दुपहरी के दामन् में ,
कोई कलिका जब खिलने से -
पहले ही मुरझा जायेगी |
याद न तब भूली जायेगी |


" माँ कहाँ खोई हो,पिज्जा आ गया "सोनाली ने आवाज़ दी तो मैं बीते दिनों से बाहर आ गयी। मैंने हँसते हुए  डायलॉग चिपका दिया -" हमारी उम्र में पहली नज़र में ही पता चल जाता है कि लड़का-लड़की के बीच क्या चल रहा है "मगर,तुम आजकल के वेवकूफ बच्चे जिन्हे पेरेंट्स ने साथी चुनने की आज़ादी दे रखी है
....
बस
शायद कल दिव्या आएगी
सादर


8 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम दिवस वसन्तोत्सव पर उम्दा लिंक्स चयन
    साधुवाद असीम शुभकामनाओं के संग

    जवाब देंहटाएं
  2. प्रिय यशोदा अग्रवाल जी,
    वेलेंटाइन डे पर हार्दिक शुभकामनाएं !!!!
    बेहतरीन चयन और संयोजन
    साधुवाद ....

    मेरी ग़ज़ल को शामिल करने हेतु हृदय की गहराइयों से आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सराहनीय अंक है | सभी रचनाएँ अच्छी ही नहीं प्रशंसनीय हैं |बहुत बहुत बधाई , शुभ कामनाएं |

    जवाब देंहटाएं
  4. बङी सखी, तुलना को लेकर आपने शब्दशः मन की बात कह दी । शत प्रतिशत सहमत ।
    आज तो यहाँ फूल भी खिले हैं और गिले-शिकवे भी गले मिल रहे हैं । फ़िजा में तरंग है ।
    इस बैठक में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार ।
    सबको बधाई । नमस्ते ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर संकलन। सभी लिंक बहुत बढ़िया और सार्थक हैं।

    जवाब देंहटाएं
  6. प्रेम दिवस के अवसर पर सजाएं गये इस गुलदस्ते में मेरे "पीले गुलाब" को भी स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद दी,मेरे सृजन को मान देने के लिए तहेदिल से आभार एवं सादर नमस्कार, आप सभी को प्रेम दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।