दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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मंगलवार, 15 सितंबर 2020
1887...प्रतिबिम्ब को है अस्तित्व का संशय...
7 टिप्पणियां:
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बेहतरीन..
जवाब देंहटाएंआभार..
सादर..
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअसंख्य धन्यवाद - - सुन्दर प्रस्तुति एवं संकलन, तहे दिल से आपका शुक्रिया - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक लाजवाब हैं ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी गज़ल को जगह देने के लिए ...
यहाँ प्रस्तुत सभी रचनाओं को मैं पढ नहीं सका लेकिन जिन-जिन रचनाओं को मैंने पढा वे रचनाएं सराहनीय योग्य है। रचनाएं अपनी सार्थकता प्रदर्शित करने में सफल रही। इनके रचनाकारों का अभिनंदन और आपका भी इस प्रस्तुति को हमारे साथ साझा करने के लिए।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल की धन्यवाद |उम्दा प्रस्तुति |