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रविवार, 13 सितंबर 2020

1885....वो अगर चाहे मक़ाँ मेरा अभी घर कर दे

जय मां हाटेशवरी.......

एक ओर करोना महामारी तांडव मचा रही है......
दूसरी ओर चीन व पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहे है......
देश एक बड़े आर्थिक संकट से झूझ रहा है......
पर हमारे देश के टीवी चैनल......
क्या दिखा रहे हैं?.....
ये मीडिया हमे कहां ले जा रहा है......
ये मूल विषय मीडिया के लिये गौण क्यों है?.....
रिया चक्रवर्ती  दोषी है या निर्दोष.....
न इसका निर्णय य टीवीचैनल कर सकते हैं......
न सोशलमीडिया की भीड़......
ये न्यायालय का मामला है.......
कानून पर भरोसा रखें.....
पेश है.....मेरी पसंद......



रह जाता वह मुस्का कर

लक्ष्य बाहरी लगते धूमिल
यही जागने की बेला है,
चौराहे पर बाट जोहती
मृत्यु, शेष रही नहीं मंजिल !
अब तो द्वार खुले अनंत का
मन में गूँजे बंसी की धुन,

वो अगर चाहे मक़ाँ मेरा अभी घर कर दे
My photo
कोई उसको तो मेरे जिस्‍म से बाहर कर देे
मेरे इज़्हारे मुहब्बत पे लगा अपनी मुहर
वो अगर चाहे मक़ाँ मेरा अभी घर कर दे
ऐ ख़ुदा कैसी है उलझी ये डगर उल्‍फ़त की
अपने ग़ाफ़िल के लिए कोई तो रहबर कर दे

 मात्रा गणना क्या है?
अब आपलोग स्वयं किसी भी शब्द का मात्राभार सरलता से बता देंगे। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं -
कमल - १११
शरण - १११
आचार - २२१
व्यंग्य - २१
उत्साह - २२१
शत्रु - २१
इसी तरह से अभ्यास करते जाने पर आपका आत्मविश्वास स्वयं बढ़ता जाएगा। कोई सुझाव अथवा प्रश्न हों तो कमेंट बॉक्स में आपका स्वागत है।



अदृश्य मदद
, पर इस तरह की सेवा मेरे हृदय को छू गई । और मैंने भी उस कागज को फाड़ा नहीं ।मदद के तरीके कई हैं सिर्फ कर्म करने की तीव्र इच्छा मन मॆ होनी चाहिए
🌿
                 *कुछ नेकियाँ*
                    *और*
                *कुछ अच्छाइयां..*
  *अपने जीवन में ऐसी भी करनी चाहिए,*


अविभावक की तलाश - -

 पहले तो देखी नहीं। न जाने
किन क्षितिजों को छूना
चाहते हैं लोग, यहाँ
दो वक़्त की
चिंता
से आगे नज़र जाती नहीं, न जाने
किस अंधी सुई में रेशमी धागा
पिरोना चाहते हैं लोग, न

क्या सोच रहे हो ?

अभी भी जीने की तमन्ना बाक़ी है |
उनसे प्रेरणा मिलती है
पल भर के क्षण भंगुर जीवन में
प्रभु के सिवार किससे  आशा करें
खुद जिए और जीने दें  औरों को |



धन्यवाद।

7 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात भाई..
    बढ़िया चयन..
    आभार..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. धन्यवाद मेरी रचना शामिल करने के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  3. सही कहा है आपने, आज मीडिया अपनी राह से भटक गया है, पठनीय रचनाओं से सुसज्जित प्रस्तुति !

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर प्रस्तुति व खूबसूरत संकलन, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य धन्यवाद नमन सह ।

    जवाब देंहटाएं

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