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बुधवार, 15 जुलाई 2020

1825...नई संकल्प गाथा..

।। भोर वंदन ।।

"वह तू उषा! मेरी आँखों पर तेरा स्वागत है...
पत्तों की श्यामता के द्वीप डुबोते हुए
हुस्न हिना के गन्ध ज्वार-सी हरित-श्वेत जो उदय हुई है,
वह तू उषा! मेरी आँखों पर तेरा स्वागत है..!!"
~ मदन वात्स्यायन

ब्लॉग पर बिखरे पड़े शब्दों को समेटते हुए ...चलिए हम सभी आगे बढ़ते हैं,क्योंकि 
न जाने आजकल के राजनीति में ऊँट  किस करवट बैठेगा..?✍
🌿🌿




फिर चुनावी समर की तैयारियां होने लगीं
फिर हवाएं बोझ नारों का यहां ढोने लगीं

फिर नई संकल्प गाथा, फिर नई विरुदावली
फिर नए जल से दिशाएं मुख मलिन धोने लगीं

🌿🌿



जी

दुल्हन सा विन्यास विभूषण
नंदन वन सी धरा नवेली।

कैसे बात कहूँ अंतस की
थिरक हृदय में थिक-थिक उमड़ी।
घटा देख कर मोर नाचता
हिय हिलोर सतरंगी घुमड़ी

एक गीत-नींद से कहना न टूटे

हँस रही
इन घाटियों के
माथ पर बिंदी हरी है ।

नींद से
कहना न टूटे
स्वप्न में इक जलपरी है..
🌿🌿

अपने दुःख में उतने नहीं डूबे नजर आते हैं लोग,
दूसरों के सुख से जितने, ऊबे नजर आते हैं लोग।


हर गली-मुहल्ले की अलग सी होती है आबोहवा,
एक ही कूचे में कई-कई, सूबे नजर आते हैं लोग।

🌿🌿



ले लो ये बज़्मे सुखन वाली रियासत
मुँह नहीं ही लगने की अपनी है आदत

कुछ न पाओगे तग़ाफ़ुल करके मुझसे
सोचते हो गर के मिल जाएगी इश्रत
🌿🌿
हम-क़दम का नया विषय
यहाँ देखिए
✌✌

।। इति शम ।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह ‘तृप्ति’..✍

10 टिप्‍पणियां:

  1. उव्वाहहहह...
    हँस रही
    इन घाटियों के
    माथ पर बिंदी हरी है ।

    नींद से
    कहना न टूटे
    स्वप्न में इक जलपरी है..
    बेहतरीन..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर प्रणाम,
      आपकी ईमेल आई डी यही है ना:- yashodadigvay4@gmail.com

      हटाएं
    2. अपनी रचना की लिंक भेज रही हूँ

      हटाएं
    3. जी यही है..
      yashodadigvay4@gmail.com
      सादर..

      हटाएं
    4. जी यह है..
      आपने गलत लिख लिया है, सुधारें..
      yashodadigvijay4@gmail.com
      सादर..

      हटाएं
  2. हर एक रचना को पढ़ कर आनंद आया और नई प्रेरणा मिली। विविधता से भरी हुई प्रस्तुति। एक भी भाव या अभिव्यक्ति नहीं छोड़ी।

    जवाब देंहटाएं
  3. पम्मीजी शानदार प्रस्तुति।
    भूमिका में सुंदर मोहक पंक्तियां।
    सभी संकलित रचनाएं बहुत आकर्षक।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।

    जवाब देंहटाएं

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