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बुधवार, 24 जून 2020

1804 ..कहब तो लग जाई धक से...

।। सुहानी भोर ।।
खींच कर ऊषा का आँचल इधर दिनकर है मन्द हसित,
उधर कम्पित हैं रजनीकान्त प्रतीची से हो कर चुम्बित।

देख कर दोनों ओर प्रणय खड़ी क्यों कर रह जाऊँ मैं
छिपा कर सरसी-उर में शीश आत्म-विस्मृत हो जाऊँ मैं..!! 
~ अज्ञेय

एक बार ‘साम’ के साथ ‘दाम’ और ‘भेद’ का व्यवहार करने का उपदेश द्रोणाचार्य ने अर्जुन को दिया था,
जिसके प्रयोग का समय हमारे देश को भी अपने पड़ोसी देशों के साथ यहीं  उचित समय है..
समसामयिक विषयों और सुहानी भोर के साथ अब नजर डालें आज के लिंकों पर..✍

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जो बशर अपनों के ज़ुल्मों से बिख़र जाते हैं,
अपनी हस्ती को मिटा कर वो गुज़र जाते हैं ।

ले चले क़ोई भी क़ामिल उसे मंज़िल की तरफ,
फ़िर ज़िधर जाते हैं वो रूह में उतर जाते हैं ।
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मोदी जी के विकास कार्य में क्यों आ रही है अड़चन 
एक गुप्त खबर के अनुसार २०१४ के चुनावों में नरेन्द्र मोदी जिस जादू की छड़ी को लेकर 
भारत का विकास करने का दंभ भरते थे, वो छड़ी उनके प्रधानमंत्री पद के शपथ लेने के बाद 
गायब हो गई है। पीएमओ का मानना है कि छड़ी गायब नहीं हुई अपितु किसी ने छड़ी को चुरा लिया है
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जो भी दुःख है...  अभाव से उपजा है 
जो भी इच्छा है...  उस अभाव को दूर करने की है 
जो भी कर्म है...  उस इच्छा को पूरा करने के लिए है 
समीकरण सीधा है 
अभाव का अनुभव ही कर्म में लगाता है

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एक महान राजा के राज्य में एक भिखारीनुमा आदमी सड़क पर मरा पाया गया। बात राजा तक पहुंची 
तो उसने इस घटना को बहुत गम्भीर मानते हुए पूरी जांच कराए जाने का हुक्म दिया।
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बहुत दिनों से रोये नही हम........
बहुत  दिनों से रोये नही ,क्या पत्थर के होगये हम
लाखों सदमे हजारों गम फिर भी होती नही पलके नम।।

इल्जाम लगें हैं  बहुत पर किस-किस को समझाएं हम
इल्जामों की बस्ती में एहसास को बारहा तरसे हम।।

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जाते जाते एक बार ये गायन शैली जरूर देखें, सुने..




।। इति शम ।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह ‘तृप्ति’...

11 टिप्‍पणियां:

  1. बेहद खूबसूरत लिंकों का प्रवेश तथा
    मेरी कृति को यगण स्थान देने के लिए शुक्रिया तृप्ति जी ।

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह! उम्दा भूमिका और सराहनीय प्रस्तुति!! कहब त लग जायी धक से !!!

    जवाब देंहटाएं
  3. अज्ञेय की सुंदर रचना के साथ पठनीय रचनाओं का संकलन, आभार मुझे भी शामिल करने हेतु !

    जवाब देंहटाएं
  4. काश लागल धक्क से असर भी कुछु हो इत..

    सराहनीय प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत खूबसूरत ,कहब त लग जाइ धक्क से मजेदार प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत शानदार प्रस्तुति पम्मी जी।
    सुंदर लिंक चयन सभी रचनाएं बहुत आकर्षक।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  7. खूब सूरत प्रस्तुति"कहब त लग जाई धक से"

    हमारी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  8. "कहब त लग जाई धक से" वीडियो जबरदस्त है
    बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह! बेहतरीन प्रस्तुति।कहब त लग जाई धक से।अमीर-गरीब की तुलनात्मक वर्णन। सुंदर चित्रण।

    जवाब देंहटाएं

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