सोशल मीडिया हो गया
जो मुझे थे पार करने,
कर चुका हूँ, हँस रहा यह देख,
कोई नहीं भेला."
बैर भूलादे मन
खेलो रे खेलो
सुंदर मधुरस
मनभावन फाग।
है अब, ये मरघट,
घुल चुके भंग, इन रंगों में,
धुल चुके हैं अंग,
उड़ चले गुलाल, सपनों से,
अब कैसी, फगुनाहट!
साथ ही समाचार पत्रों में आगे यह भी लिखा हुआ था कि सेठजी का नागरिक अभिनंदन 'भ्रष्टाचार मिटाओ' संस्था के बैनर तले किया जाएगा.. जिस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वयं नये साहब ही होंगे..और दोखीराम जी नये साल में अपनी फैक्ट्री की ओर से किये जाने वाले धर्मार्थ कार्यों जैसे निर्धन कन्याओं का विवाह, गरीब मेधावी छात्रों को आर्थिक मदद और मुहल्ले में स्थित मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए मोटी रक़म देने की घोषणा इसी मंच से करेंगे..।
हम-क़दम-110 का विषय है-
नव नीलम पंख कुहर खोंसे
मोरपंखिया चाँदनी।
नीले अकास में अमलतास
झर-झर गोरी छवि की कपास
किसलयित गेरुआ वन पलास
किसमिसी मेघ चीखा विलास
मन बरफ़ शिखर पर नयन प्रिया
किन्नर रम्भा चाँदनी।
मधु चन्दन चर्चित वक्ष देश
मुख दूज ढँके मावसी केश
दो हंस बसे कर नैन-वेश
अभिसार रंगी पलकें अशेष
मन ज्वालामुखी पर कामप्रिया
चँवर डुलाती चाँदनी।
गौरा अधरों पर लाल हुई
कल मुझको मिली गुलाल हुई
आलिंगन बँधी रसाल हुई
सूने वन में करताल हुई
मन नारिकेल पर गीत प्रिया
वन-पाँखी-सी चाँदनी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया छोड़ने को कहा, वहीं कोहराम मच गया - https://www.thelallantop.com/jhamajham/prime-minister-narendra-modi-tweets-thinking-of-giving-up-social-media-how-twitter-reacts/
जवाब देंहटाएंकल देर शाम ऐसी भी खबर आयी।
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जवाब देंहटाएं*पूर्व सपा नेता ठाकुर अमर सिंह की मौत की फर्जी खबर फैली*
*अमर सिंह ने खुद दी इसकी जानकारी कहा - अभी जिंदा है हम*
सोशल मीडिया पर इस अफवाह के बाद अमर सिंह को सिंगापुर से अपनी जुबान खोलनी पड़ी और उन्होंने वहां हॉस्पिटल से बकायदा अपना लंबा चौड़ा बयान अपने उन शुभचिंतकों के प्रति जारी किया, जो उनकी मृत्यु की बात कर रहे हैं।
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इस प्रतिष्ठित पटल पर सुंदर भूमिका एवं प्रस्तुति के मध्य मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से आभार आभारी हूँँ रवींद्र भाई साहब..।
सभी को प्रणाम।
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंमेहता जी की रचना..
वाह-व्वाहहहहह..
अब लग रहा है कि होली आ गई..
मधु चन्दन चर्चित वक्ष देश
मुख दूज ढँके मावसी केश
दो हंस बसे कर नैन-वेश
अभिसार रंगी पलकें अशेष
मन ज्वालामुखी पर कामप्रिया
चँवर डुलाती चाँदनी।
सादर..
सोशल मीडिया छोड़ने का मतलब है... कुँआ का मेढ़क होना...
जवाब देंहटाएंभूमिका छोड़कर सराहनीय प्रस्तुतीकरण
छोड़कर या जोड़कर ????? 🤔🤔
हटाएंसोशल मीडिया का गैर जिम्मेदाराना उपयोग करने वाले कई हैं समाज में । जब प्रबुद्धता का अभाव तो यह जी का जंजाल ही बनेगा ।
जवाब देंहटाएंदिल्ली दंगा व अन्य गैर जिम्मेदार हरकतों को viral करने में इसका बड़ा हाथ रहा है।
सराहनीय व विचारणीय प्रस्तुति हेतु बधाई ।
जी ऐसे समझ लीजिए कि कल एक वरिष्ठ अधिकारी ने मेरे व्हाट्सअप पर अमर सिंह की मृत्यु की सूचना भेजी, लेकिन तब तक मेरे पास वीडियो आ गया था, उनके बयान का , तो मैंने उन्हें बताया।
हटाएंसोशल मीडिया इस तरह से भ्रमित कर दे रहा है की सचमुच लोग परेशान हैं और हम लोगों को अपने मीडिया ग्रुप में यह विकल्प लागू करना पड़ रहा है कि सिर्फ एडमिन ही समाचार डालेगा भले ही इससे मित्रगण नाराज हो जाते हैं।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा ।
जवाब देंहटाएंछोटी पर प्रगाढ़ भुमिका।
सभी चयनित लिंक बहुत सुंदर आकर्षक ।
मेरी रचना को शामिल करने केलिए हृदय तल से आभार।
सादर।
जी बिल्कुल भूमिका अत्यंत सराहनीय और इस पर चिंतन करना चाहिए
जवाब देंहटाएंसुंदर भूमिका के साथ खूबसूरत लिंक 👌👌
जवाब देंहटाएंआभाषी दुनियां की चरमता का प्रतीक सोशियल मिडिया पर सार्थक भूमिका के साथ सुन्दर लिंक
जवाब देंहटाएंजी आदरणीय रविंद्र भाई, सोशल मीडिया जी का जंजाल हो गया ब्लॉग , फेसबुक में ऐसे उलझे कि किताबों को छुये साल हो गया!!!! छोटी सी बात जो इस समय की सबसे बडी पीड़ा है और उलझं भी । जिसको देखा इसी में लगा है । भरी भीड़ में तन्हा से हैं सब। सुंदर संकलन जिसमें सभी रचनाएँ बहुत भावपूर्ण हैं। सभी रचनाकारों को नमन 🙏🙏 आपको बधाई आज के अंक के लिए 🙏🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति ....
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