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बुधवार, 25 दिसंबर 2019

1622..झंझट-झगड़ा ठीक नहीं ..


।।प्रातः वदंन।।
"कौरव कौन
कौन पांडव,
टेढ़ा सवाल है|
दोनों ओर शकुनि
का फैला
कूटजाल है|
धर्मराज ने छोड़ी नहीं
जुए की लत है|
हर पंचायत में
पांचाली
अपमानित है|
बिना कृष्ण के
आज
महाभारत होना है,
कोई राजा बने,
रंक को तो रोना है.."

अटल बिहारी वाजपेयी

पौष भोर की शीतलता और सृजनता की जगमगाहट के साथ आनंद ले.. ब्लॉग पर बिखरे शब्दों को ..✍
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ग़ज़ल ... झंझट-झगड़ा ठीक नहीं 

हर मुद्दे पर झंझट - झगड़ा  ठीक  नहीं

बिना बात का लफड़ा-दफड़ा ठीक नहीं
मज़बूरी में  फटा  पहनना  चलता  है..





मुंशी प्रेमचंद ने अपनी कहानी लेखन की रचना प्रक्रिया के बारे में बताया है। यह लघुकथाकारों के लिए महत्वपूर्ण इसलिए हो जाती हैं क्योंकि कमोबेश इसे हम लघुकथा रचना से जोड़ सकते हैं। आइये पढ़ते हैं ..

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निज के मुखड़े पर धूल लगी
दर्पण को दोष दिए जाते
हिंसा जब मन में बसती हो
अवसर भी उसके मिल जाते..

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दुनिया भर में जितने भी प्रताड़ित लोग हैं चाहे वो किसी भी धर्म के हों, उनके प्रेम में हूँ.

देश भर में जितने भी लोग आंदोलनों में किसी भी तरह से सक्रिय हैं, उनके प्रेम में हूँ..

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है दर्पण के समक्ष यह कौन

तूम  या तुम्हारी  प्रतिछाया
हो  मौन क्यों ?उदास क्यूँ ?
खिल खिलाती नहीं
 बतियाती नहीं
क्या विपदा आन पडी है
क्यूँ उत्तर नहीं देती ?..


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हिन्दी सिनेमा के सदाबहार गायक महम्मद रफी साहब को जन्मतिथि( 24  दिसंबर )पर वंदन 💐

हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया...

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हम-क़दम का नया विषय
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।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत शानदार भूमिका और एक सुंदर पठनीय संकलन। बधाई और आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन प्रस्तुति..
    स्मृतिशेष अटल जी को श्रद्धा सुमन...
    मेरी क्रिसमस..
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही बढ़िया ब्लॉग। हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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