---

बुधवार, 6 नवंबर 2019

1573..हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे

स्नेहिल अभिवादन
-------

पम्मी जी की अनुपस्थिति में
आज की शुरुआत 
कविश्रेष्ठ मैथिलीशरण गुप्त
की कुछ पंक्तियों के साथ...

नर हो, न निराश करो मन को
निज गौरव का नित ज्ञान रहे
हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे
मरणोंत्‍तर गुंजित गान रहे
सब जाय अभी पर मान रहे
कुछ हो न तजो निज साधन को

नर हो, न निराश करो मन को।

आइये पढ़ते हैं आज की रचनाएँ-
★☆★☆★☆★

चिड़िया बनकर उड़ जाते हैं
अल्फ़ाज़ जुबां तक आते आते रुक जाते हैं
कलम उठाकर उनको लिखना भी चाहूँ,
तो चिड़िया बनकर उड़ जाते हैं
इधर उधर को मुड़ जाते हैं, छुप जाते हैं
अल्फ़ाज़ जुबां तक आते-आते रुक जाते हैं.....


★☆★☆★☆★☆★

जीवन आपाधापी "एजिटे-शन" है...
इश्क़ हुआ तो बस झींगालाला होगा
“माइंड” में कुछ ऐसा ही “इम्प्रे-शन” है

मिलने पर तो इतने तल्ख़ नहीं लगते
पर “सोशल” मंचों पर दिखती “टेन्शन” है

बतलाता है अब “इस्टेटस” “सेल्फी” का
खुश है बच्चा या कोई “डिप्रे-शन” है

★☆★☆★☆★



कुछ कहे अनकहे
 जुमले थे 
कुछ सुने अनसुने 
किस्से थे
कुछ चोटों का 
मर्म वही था 
कुछ दुखड़ोंका 
गम भी वहीं था 
कुछ आंखों की
 नरमी थी 
कुछ सांसों की 
गर्मी थी

☆★☆★☆★☆


और इसलिए
वह मौका देखकर
चूस लेता है खून
उन ज़िंदा इनसानों का
इस उम्मीद से
कि उनके नसों में
दौड़ता गर्म रक्त
भर देगा
उसके मरे ठंडे पाषाण हृदय में
ज़िन्दगी की गर्माहट
करा देगा 
उसे फिर से एहसास 
कि कैसा होता था 
जिंदा होना 

☆★☆★☆★☆

गीत
छिपाते रहे राज हम आपसे जो,
शरारत निगाहें कि करने लगी थीं
नजर से हमें क्यों छुपाना न आया।
कभी पास अपने बुलाना न आया

सच्चाई
का स्वर्ण पताका ,
जग -भर में लहराए ।
झूठ , फरेब, मक्कारी,
जल के बुलबुले -सा ढह जाए।
शान-घमंड
विद्वेष-भावना,
कभी न आए पास।
सब पर सबको मोह
रहे, सबपर सबको विश्वास।
कभी प्यार के गीत ...
☆★☆★☆★☆

हम-क़दम का नया विषय
यहाँ देखिए




9 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर संकलन। मेरी पोस्ट को इस संग्रह में जगह देने के लिए दिल से आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन रचनाओं का चयन..
    आभार आपका..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर रचनाओं का संकलन।मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यबाद।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर और पठनीय अंक। मेरी रचना को संकलित करने हेतु अत्यंत आभार प्रिय श्वेता।

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन संकलन ,मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीया दीदी जी और संकलन भी बहुत सुंदर। सभी रचनाकारों को खूब बधाई।
    सादर नमन शुभ रात्रि

    जवाब देंहटाएं
  7. प्रिय श्वेता जी ,
    नमस्कार ।सार्थक भूमिका सुंदर लिंक संयोजन में।मुझे स्थान देने के लिए हृदय से आभार ।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।