दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2019
1547....ये मुई लड़कियां तो बस बोझ होती है
स्नेहिल अभिवादन
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आत्ममंथन के क्षण में
स्वयं के भीतर झाँककर
विचारों का पुलिंदा अवश्य खोलिये
साहित्य साधना है कि साधन?
प्रश्न यह समयपरक
कभी तो आत्मा टटोलिये
स्वयं के विज्ञापन में
लेखनी की सौदागरी..?
स्वार्थ के लबादे का वज़न तोलिये।
★★★★★★
जितनी मीठी आवाज़ उतनी ही विचारपूर्ण संवेदनशील मन की सुंदर अभिव्यक्ति
व्रत या त्योहार हमारी परंपरा और संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, प्रेम अंधविश्वास नहीं होता है जीवन का आधार होता है व्रत करना न करना किसी का भावनात्मक निर्णय,कोई अगर व्रत न कर पाये तो उसपर प्रश्न उठाकर कटघरे में खड़ा कितना न्यायोचित? इसी सत्य उजागर को करती एक कहानी
हमारी पत्नियाँ तो हमारी लंबी उम्र के लिए पूरे दिन भर व्रत रखती हैं। चाँद निकलने तक कुछ नहीं खाती। मेरी पत्नी तो पानी भी नहीं पीती! रात को चाँद देख कर मेरे हाथ से जल पीकर ही व्रत समाप्त करती हैं!! मैं भी अपना प्यार जताने के लिए करवा चौथ का व्रत करता हूं!' पंकज ने कहा।
आत्ममंथन के क्षण में स्वयं के भीतर झाँककर विचारों का पुलिंदा अवश्य खोलिये साहित्य साधना है कि साधन? प्रश्न यह समयपरक कभी तो आत्मा टटोलिये स्वयं के विज्ञापन में लेखनी की सौदागरी..? स्वार्थ के लबादे का वज़न तोलिये 🤔क्या इतनी फुर्सत मैं निकालने देती है...
श्वेता दी,हर ब्लॉग पोस्ट पर उस ब्लॉग पोस्ट के बारे में कम शब्दों में बहुत कुछ बताने की आपकी कला सराहनीय हैं। मेरी रचना को "पांच लिंको का आनंद" में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,दी।
वाह लाजवाब प्रस्तुति आदरणीया दीदी जी बहुत सुंदर संकलन। सभी रचनाएँ बेहद उत्तम 👌 सभी को खूब बधाई। मेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदयतल से हार्दिक आभार सादर नमन शुभ रात्रि
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बढ़िया व सटीक...
जवाब देंहटाएंसादर..
आत्ममंथन के क्षण में
जवाब देंहटाएंस्वयं के भीतर झाँककर
विचारों का पुलिंदा अवश्य खोलिये
साहित्य साधना है कि साधन?
प्रश्न यह समयपरक
कभी तो आत्मा टटोलिये
स्वयं के विज्ञापन में
लेखनी की सौदागरी..?
स्वार्थ के लबादे का वज़न तोलिये
🤔क्या इतनी फुर्सत मैं निकालने देती है...
अति सुंदर सराहनीय प्रस्तुतीकरण
जी सादर प्रणाम दी,
हटाएंआपका चिंतन, आपकी कर्मठता, सेवाभाव और क्रियाशीलता आपको विशेष बनाती है जो सदैव अनुकरणीय है।
उम्दा प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंश्वेता दी,हर ब्लॉग पोस्ट पर उस ब्लॉग पोस्ट के बारे में कम शब्दों में बहुत कुछ बताने की आपकी कला सराहनीय हैं।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को "पांच लिंको का आनंद" में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,दी।
अप्रतिम रचनाएँ
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसटीक प्रश्न करती भुमिका ।
सभी लिंक शानदार,
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
सभी रचनाकारों को बधाई।
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति ,हर एक रचना एक गंभीर सवाल लिए हुए ,सबको सादर नमन
जवाब देंहटाएंअंक बड़ा शानदार लगा।
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स पिरोए हुए हैं।
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआत्मचिंतन करने के लिए मजबूर करती रचनाएँ।
जवाब देंहटाएंबेहतरिन प्रस्तुति।
वाह सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबढ़िया संयोजन
जवाब देंहटाएंवाह लाजवाब प्रस्तुति आदरणीया दीदी जी बहुत सुंदर संकलन। सभी रचनाएँ बेहद उत्तम 👌 सभी को खूब बधाई।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदयतल से हार्दिक आभार
सादर नमन शुभ रात्रि