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गुरुवार, 29 अगस्त 2019
1504...हे देव ज़हर सृष्टि में क्यों ?
14 टिप्पणियां:
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जवाब देंहटाएंसब देते हैं दग़ा, सब निकलते हैं मतलबी
किस-किस को याद रखोगे, किसे भुलाओगे
बिल्कुल ठीक कहा भाई जी।
पर काश ! कोई ऐसी दवा हो जिससे बीते हुये वो लम्हे याद न हो..
बहुत सुंदर प्रस्तुत, सभी को प्रणाम।
शानदार अंक..
जवाब देंहटाएंस्तरीय रचनाएँ..
आभार..
सादर..
बहुत सुन्दर अंक।
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंउम्दा चयन
पठनीय रचनाओं के सूत्रों की खबर देती हलचल..आभार
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति रविन्द्र जी !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंWow such great
जवाब देंहटाएंThank you so much for sharing this.
BhojpuriSong.in
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार आप
सादर
शानदार प्रस्तुति उम्दा लिंक्स....
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
आदरणीय रवीन्द्र जी |
जवाब देंहटाएंअनुत्तरित प्रश्न -- हे देव जहर सृष्टि में क्यों ?
ये कलुषित दोष दृष्टि में क्यों | सचमुच उसकी दया का ही अवलंबन है | सभी रचनाएँ पढ़ीं | अच्छा लगा | दिलबाग जी की गजल , रविन्द्र जी और रेवा की जी भावपूर्ण कवितायेँ और अनिता जी की कथा रोचक लगी जो आधुनिक जीवन में आधुनिकता की प्रचंडता में खोये आत्म मुग्ध जीवन का मार्मिक रेखाचित्र है | पर प्रिय अनिता सैनी जी की रचना शानदार रही जो अविस्मरनीय रचना है | सैनिक पति के लिए पत्नी और प्रेयसी का एक भावपूर्ण सृजन है | ये रचना एक सैनिक के दाम्पत्य जीवन का हृदयस्पर्शी चित्र प्रस्तुत करती है , जो पूरी प्रतिबद्धता से देश हित में . सीमा पर डटाहै तो पत्नी परिवार के भविष्य को संवारती घर के मोर्चे पर डटी है | पर मन के भाव कब काबू आये हैं ! वेदना के गीत साहित्य की अनमोल थाती हैं | ऐसी ही ये रचना है | सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें | इस सार्थक अंक के लिए आपको बधाई | सादर
"very nice inspiration quotes about beauty-motivation456
जवाब देंहटाएं"