---

मंगलवार, 9 जुलाई 2019

1453...बादलों में भी हिस्सा दिखाता है अपना सावन

सादर अभिवादन..
अच्छा लगा
भाई कुलदीप जी आ गए
अच्छा लगा
पिछला अँक देख कर
नीतिगत फैसला लिया है सखी ने
समर्थन करती हूँ मैं...
स्वागतेय क़दम, हम-क़दम का

चले रचनाओं की ओर...

न जला पायी न दफना पायी,
तुमने जन्म भी नही लिया,
और मृत्यु के ग्रास में समा गए,
सोच कर सोचती रह जाती हूँ,
शब्दों में अपनी व्यथा न कह पाती हूँ,
वो जो सपने और उम्मीदें थी तुमसे जुड़ गई


चल बहल जा, यूं ही बातों से, ऐ मेरे दिल.... 
नाराज है क्यूं, दूर बैठा क्यूं ऐसे आज है तू? 
माना, बस दिखावे की, यहाँ है दिल्लगी, 
मिठास बस बातों में है, पर हर बात में है ठगी, 
कुछ ऐसी ही है, वश में कहाँ है जिन्दगी? 


कल आर्टिकल 15 देखी....मनोरंजक फिल्मों से बहुत अलहदा, यथार्थवादी फिल्म। पूरी फिल्म झंझोड़ कर रख देती है...फिल्म के संवाद तमाचे से मारते है....कितने ही दृश्यों में मुझे अपनी आँखों में कुछ पिघलता सा लगा। हालांकि यह पोस्ट कोई फिल्म समीक्षा नहीं है लेकिन फिर भी बौद्धिकता और तार्किकता रखने वाले हर दर्शक को यह फिल्म देखनी चाहिये।


जो पूछना नहीं भूलते
कैसे हैं आपके पौधे ..
उन्हें पता है 
आपकी जान बसती है
अपने पौधों में,
जैसे कहानियों में
अक्सर राजा की
जान बसती थी 
हरे तोते में ।

चलते-चलते ......डॉ.जोशी कुमार सुशील
बस अब रुक..


रोकते रोकते 
भी बादल 
फट जाता है

पानी 
ही पानी 
चारों तरफ 
हो जाता है

कितने मन 
और
कितने सावन

किसके 
हिस्से में
कितने बादल
-*-*-*-
अब बारी विषय की
न्यासिवाँ अंक (79)
विषय
सावन
उदाहरण
एक तो आज के अंक में है
और दूसरा

रात सावन की
कोयल भी बोली
पपीहा भी बोला
मैंने नहीं सुनी
तुम्हारी कोयल की पुकार
तुम ने पहचानी क्या
मेरे पपीहे की गुहार?
कालजयी रचना है ये
रचनाकार
स्मृतिशेष अज्ञेय जी

अंतिम तिथि- 13 जुलाई 2019(शाम 03 बजेतक)
प्रकाशन तिथि- 15 जुलाई 2019
प्रविष्ठियाँ ब्लॉग संपर्क प्रारूप में ही भेजें
सादर
यशोदा



14 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात!
    बेहतरीन सूत्रों के साथ खूबसूरत प्रस्तुति ।
    सादर ..

    जवाब देंहटाएं
  2. सस्नेहाशीष व असीम शुभकामनाओं के संग साधुवाद
    उम्दा प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर मंगलवारीय अंक के साथ 'उलूक' की बरसात का जिक्र भी करने के लिये आभार यशोदा जी।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर संकलन मेरी रचना को स्थान देने हेतु सादर धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर संकलन।बेहतरीन प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  6. शानदार प्रस्तुति उम्दा लिंक संकलन....।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहतरीन अंक.....मेरे लेख को स्थान देने के लिये दिल से आभार

    जवाब देंहटाएं
  9. उत्कृष्ट रचनाएँ एवम सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  10. उत्कृष्ट रचना एवम सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  11. पानी में तैरती ज्यों पाँच कागज़ की नावें.
    बधाई एवं धन्यवाद जगह देने के लिए.

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।