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मंगलवार, 18 जून 2019

1432....आयु पूरी हो चुकी है आदमी की

सागर अभिवादन
माह जून समाप्ति की ओर
हमारे इस ब्लॉग की सालगिरह करीब ही है
सोच रहे हैं कैसे मनाया जाए सालगिरह
अब आप ही बताएँ..
4 जुलाई 2019 को है रथयात्रा
इसी दिन हमारा ब्लॉग शुरु हुआ था
4 जुलाई को हमारी पाँचवी साल गिरह होगी
जायजा लें हमारे पहले अंक का

कोई चित्र नहीं..कोई ताम-झाम नहीं
दो उत्सवों सा संगम था उस दिन
एक वो दिन था और एक आज का दिन...
इन्तजार कीजिए....

चलिए चलते हैं आज की रचनाओं की ओर

झुक रही है भूमि बाईं ओर, फ़िर भी
कौन जाने?
नियति की आँखें बचाकर,
आज धारा दाहिने बह जाए।

छल्ली कर अपने सीने को दे दी कुर्बानी जान की,
सुनो सुनाऊं मैं कहानी उस वीर के बलिदान की।

नटखट था लला मेरा वो, इधर उधर छुप जाता था,
खोज खोज जब तक जाती मैं दूर खड़ा मुस्काता था।

आयु पूरी हो चुकी है आदमी की,
साँस, या अब भी ज़रा बाकी रही है?
मर चुकी इंसानियत का ढेर है यह,
या दलीलें बाँचनी बाकी रही हैं?
हैं मगन इस सृष्टि के वासी सभी गर,
हर हृदय में वेदनाएँ कौन हैं?
कंदराओं में पनपती...

बरसते नहीं, यहाँ अब वो बादल, 
चल कहीं और चल.... 
बरसों हुए, अब-तक न भीगे! 
रंग बारिशों के, है कैसे ये हमने न देखे? 
कहते है, वो मेघ होते हैं पागल, 
झमा-झम बरस जाएँ, 
न जाने ये किस पल! 
पर भरोसे के, कब होते हैं बादल! 
चल कहीं और चल.... 

बर्तन .....
आज
बर्तन चमक रहे हैं
कुछ समय के लिए ही सही
बुजुर्ग माँ के घर
पकवान महक रहे हैं।

अब बारी है विषय की
छिहत्तरवाँ विषय
पालकी

 उदाहरण
ज़बान पर सभी की बात है फ़क़त सवार की 
कभी तो बात भी हो पालकी लिए कहार की 

गुलों को तित्तलियों को किस तरह करेगा याद वो 
कि जिसको फ़िक्र रात दिन लगी हो रोजगार की 

बिगड़ के जिसने पा लिया तमाम लुत्फ़े-ज़िन्दगी 

नहीं सुनेगा फिर वो बात कोई भी सुधार की
रचनाकार हैं
आदरणीय नीरज जी गोस्वामी
अंतिम तिथि -22 जून 2019
प्रकाशन तिथि -24 जून
प्रविष्टियाँ सम्पर्क फार्म द्वारा ही स्वीकार्य
यशोदा










10 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन रचनाएँ...
    कुछ ब्लॉग पहली बार आए हैं शायद..
    आभार
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभातम् दी:)
    पाँचवी सालगिरह की विशेष अग्रिम शुभकामनाएं मेरी।
    पुरानी स्मृतियाँ अनायास ही दस्तक देने लगती है स्वाभाविक है।
    आज के अंक की सभी रचनाएँ बहुत अच्छी है। शानदार संकलन।

    जवाब देंहटाएं
  3. पाँच वर्षों का सफर!!!!!
    लम्बा सा यह अंतराल, लम्हा सा लगता होगा अब...
    ऐसे अनगिनत लम्हे चाहता है मन!
    हमारी शुभकामनाएं साथ हैं ...
    बधाई ....

    जवाब देंहटाएं
  4. पांच वर्षों के सफर पर ढेरो शुभकामनाएँ ।बेहतरीन रचनाओं का संकलन 👌👌

    जवाब देंहटाएं
  5. पाँचवी सालगिरह पर ढेरों शुभकामनाएं |बहुत ही सुन्दर रचनाओं का संकलन |
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. सस्नेहाशीष संग असीम शुभकामनाएं छोटी बहना
    पाँच लिंक्सों का आनन्द का पाँचवाँ साल अद्धभुत यादगार पल होगा

    जवाब देंहटाएं
  7. पांचवी सालगिरह की असीम बधाई। मेरी रचना शामिल के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहतरीन रचनाओं का संकलन...पाँच लिंकों का आनंद और पाँच साल...अद्भुत और असीम हर्ष के पल .. अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। यात्रा जारी रहे। शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह!!बेहतरीन रचनाएं लिए ,लाजवाब अंक । पाँचवीं सालगिरह की अग्रिम शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं

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