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रविवार, 2 जून 2019

1416...तेरी यादों से परहेज तो नहीं है

सादर अभिवादन..
भाई कुलदीप जी एक
विवाह कार्य पर हैं
सो हम हैं न आज...
सोचे थे कि आज आपका परिचय
हमारी नई चर्चाकारा
सखी मीना भारद्वाज की से कराएँ
पर खेद है कि मुहुर्त नहीं था आज...

जून माह का प्रथम दिवस शुभ है
लीजिए आनन-फानन प्रस्तुति का आनन्द...

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बुन कर दिनकर थक गया, धूप छाँह का जाल
साँझ हुई करघा उठा, घर को चला निढाल !

करना पड़ता सूर्य को, सदा अहर्निश काम 
देश-देश जलता फिरे, बिना किये विश्राम !



मन कितनी भी 
कसरत क्यूँ न कर ले 
पर तेरी यादों का वज़न 
कम होने का नाम ही नहीं लेता 


कभी-कभार मुझे ज़रूरत पड़ती है,
तो मैं उसकी ओर देख लेता हूँ,
वह सही समय बता देती है,
फिर मैं उसे भूल जाता हूँ.
रात को उसकी टिक-टिक गूंजती है,
तो अलमारी में रख देता हूँ उसे.


आईना जब जब निहारती हूँ मैं 
अक्स उसका ही ढालती हूँ मैं... 

रतजगे कह रहे मेरी आँखों के 
उसके ख़्वाबों में जागती हूँ मैं.... 

जाने कूचे से कब गुज़र जाए 
रस्ता उसका यूँ ताकती हूँ मैं..

शब्दों के माया-जाल में हम फँसते चले जाते हैं।
बुरे शब्द पर रोते और अच्छे पर हँसते चले जाते हैं।
अक्षरों के संयोजन से बनाते हैं..... हम शब्द,
शब्दों के संयोजन से वाक्य- लेख रचते चले जाते हैं।

बस आज यहीं तक...
आदेश की प्रत्याशा में
यशोदा






13 टिप्‍पणियां:

  1. स्वागत अभिनन्दन
    तुरत-फुरत में चुनी रचना
    लाजवाब रहती है हरदम..
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  2. सुस्वागतम मीना दी,पाँच लिंक परिवार में आपका हार्दिक अभिनंदन है। आप एक अच्छी रचनाकार के साथ एक शानदार चर्चाकारा भी साबित होगी ऐसी उम्मीद हम सब करते हैं। मेरी हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार करें।

    जवाब देंहटाएं
  3. सस्नेहाशीष संग असीम शुभकामनाएं छोटी बहना
    मीना जी का स्वागत है
    शानदार संकलन

    जवाब देंहटाएं
  4. शुभकामनाएँ
    सुंदर लिंकों से सजी रचना।
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत शानदार प्रस्तुति सभी रचनाएं बहुत सुंदर।
    मीना जी के परिचय अंक का इंतजार रहेगा
    असारण प्रतिभा है धनी मीना जी।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर सार्थक सूत्रों का संयोजन आज के अंक में ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार प्रिय बहना यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर रचनाओं का संगम ।मेरी रचना को आज के अंक में शामिल करने के लिए यशोदा दीदीजी का बहुत-बहुत आभार।मीना बहन का सप्रेम स्वागत।सादर

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर लिन्क्स. मेरी कविता शामिल की. शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह शानदार लिंक्स एवम प्रस्तुति
    आभार आपका

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहतरीन प्रस्तुति ,सादर नमस्कार दी

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति .... हार्दिक आभार "पाँच लिंक को आनन्द परिवार" 🙏🙏 मुझे अपने में सम्मिलित कर सम्मानित करने के लिए , सादर...

    जवाब देंहटाएं

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