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गुरुवार, 9 मई 2019

1392....है तल्ख़ियों का दौर यह बचकर निकल न पाओगे...

सादर अभिवादन। 

है तल्ख़ियों का दौर यह 
बचकर निकल न पाओगे,
आपस में जिरह ज़हरीली हुई 
बच्चों को क्या सिखाओगे?  
-रवीन्द्र 




मेरे पास चूड़ियां तो और भी रंगों की है,
पर ना जाने क्यों,ये लाल रंग की 
तुम्हारी दी हुई चूड़ियां,
अपनी कलाई पर,
तुम्हारे स्पर्श का एहसास कराती है,


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 माँ हँस कर कहती 
      सबको खिलाया कर 
       कहती ,अरे ...
       क्यों करती हो इतना काम 
      पेट के लिए ही न 
       और मैं निरुत्तर हो जाती 



शब्द मेरे दूर तुमसे
कंठ हैं अवरुद्ध ऐसे,
साँस लेना वायु के बिन
मीन हों बिन नीर जैसे;
साँसतों की कोठरी में, घुट रहा हूँ मैं अकिंचन,
ग्रास करने को सदा क्या, राह में प्यारे मिलेंगे?



यहाँ के निवासियों में महिलाओं की औसत ऊँचाई ५ फुट और पुरुषों की साढ़े पांच फुट नज़र आई।  यानि यहाँ के लोग आम तौर पर कम कद के हैं लेकिन स्वाभाव में सीधे और निश्छल नज़र आये। कहीं भी सडकों के किनारे कूड़े के ढेर नज़र नहीं आये। ज़ाहिर है, यहाँ प्रशासन का कूड़ा प्रबंधन उत्तम दर्ज़े का है। साथ ही यहाँ के निवासी भी सफाई पसंद और स्वच्छता के प्रति जागरूक हैं। बस यही जागरूकता और कर्तव्यपरायणता यदि उत्तर भारत के लोगों में भी आ जाये तो निश्चित ही सरकार का स्मार्ट सिटीज बनाने का सपना अवश्य पूरा हो पायेगा।      



कभी कभी कोई परेशानी ऐसी भी होती है जिससे एकदम से दूर करना संभव नहीं होता जैसे कि आर्थिक या शारीरिक परेशानी . इसके लिए अगर आप सब मिलकर एकजुट हो जाएंगे तो दुख, तकलीफ बांटी जा सकती है. और धीरे-धीरे दूर भी की जा सकती है. एक प्यार ही ऐसी चीज है जिससे परेशानी की घड़ियों में राहत मिल सकती है. 

हम-क़दम का नया विषय

आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

16 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन प्रस्तुति..
    इन पंक्तियों को रेखांकित करता हूँ
    आपस में जिरह ज़हरीली हुई
    बच्चों को क्या सिखाओगे?
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन प्रस्तुति के साथ सुंंदर संकलन।
    पुरानी गलियाँ को शामिल करने के लिए तहेदिल से आभार।
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  3. खूबसूरती प्रस्तुति रविन्द्र जी । मूरे टिफिन को स्थान देने हेतु हृदयतल से आभार ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कृपया मूरू को मेरे पढें । गलती के लिए क्षमा ।

      हटाएं
  4. प्रेरक पंक्तियाँ भुमिका की।
    शानदार लिंकों का चयन उम्दा प्रस्तुति।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन प्रस्तुति , सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहतरीन लिंक्स एवं प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत अच्छी प्रस्तुति।ससदर

    जवाब देंहटाएं

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