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शुक्रवार, 1 मार्च 2019

1323..फिज़ाओं में कैसी, घुल रही है चुभन

मार्च का पहला दिन
सखी श्वेता आज आएगी  वापस
फिर हम न मिलेंगे आपसे
सादर अभिवादन...
क्या होगा
कुछ भी कहने में असमर्थ हैं हम
मीडिया का कितना विश्वास करें
और क्यों करें...
सरकारी बुलेटिन खामोश है...

चलिए चलते हैं देखिए आज क्या है...


Image result for उदास तुम कविता
तुम कितनी सुन्दर लगती हो
जब तुम हो जाती हो उदास !
ज्यों किसी गुलाबी दुनिया में सूने खँडहर के आसपास
मदभरी चांदनी जगती हो !


हवाओं में घुली, ये कैसी है घुटन,
फिज़ाओं में कैसी, घुल रही है चुभन,
ये जुनून, ये चीखें, ये मातम,
कराहते बदन, असह्य मन का ये शोर,
कैसा है दौर, ये कैसा है दौर!

तलाश-ए-सुखन, ऐ दिल, चल कहीं और!

जब तक होश है। 
रग-रग में जोश है। 

जिगर में 
जोश के बुलबुले नहीं ,
जोश के जुगनू भी नहीं 
जो पलक झपकने तक ही 
मौजूद रहें। 

शब्द  मधुर  हो  जन  मानस  के 
दिखा  नियति  ऐसा कोई  खेल 
करुण  ह्रदय  से  सींचे  प्रीत  को 
फले  फूले  प्रीत  की    बेल  |

पद्मनाभ,हे मुरली मनोहर 
हृदय पुष्प है तुझको अर्पण 
छवि में मोरी छवि है तेरी 
जब जब देखूँ दर्पण

ये एक दिन घर तुम्हारा जलाएगी
दोस्तो, न हवा देना इस नफ़रत को।

अपने वुजूद से फैलाएँ रौशनी
दाद देना जुगनुओं की हिम्मत को।

न पूछो दोस्तो अब हाल मेरा
पता अपना नहीं कितने दिनों से

नदी सूखी, हवा भी नम नहीं है
हुई "वर्षा" नहीं कितने दिनों से

आज के लिए इतना काफी है
कल मिलिए विभा दीदी से
यशोदा

10 टिप्‍पणियां:

  1. भँवरों की पाँतें उतर-उतर
    कानों में झुककर गुनगुनकर
    हैं पूछ रहीं-‘क्या बात सखी ?
    उन्मन पलकों की कोरों में क्यों दबी ढँकी बरसात सखी ?

    मानव जीवन वैसे ही दर्द से भरा है। उसमें भी यह हिंसा और प्रतिकार का उन्माद,घृणा का भाव एवं राजनीति ..?
    इस उदास मन को किस दुनिया में लेकर चले हम ??
    प्रणाम,सुंदर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मानव जीवन की विडंबना है.
      यह विश्व हमें ही गढ़ना है.

      हटाएं
  2. सस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना
    उम्दा प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात !
    प्रभावपूर्ण भूमिका और बेहतरीन प्रस्तुति यशोदा जी!!

    जवाब देंहटाएं
  4. आज की हलचल में नदी की शांत लहरों का सुकून है.
    सुबह-सुबह पढ़ कर बहुत अच्छा लगा यशोदा जी. हार्दिक आभार.


    नदी की गहराई आज की सभी रचनाओं में.
    नौका में सवार हो सभी कहीं दूर निकल गए ..

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन हलचल प्रस्तुति 👌
    शानदार रचनाओं में मुझे स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार आदरणीया यशोदा बहन 🙏🙏
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन अंक
    उम्दा रचनाएँ
    भारती जी की रचना संकलित करने के लिए आभार.... सादर

    जवाब देंहटाएं
  7. लाजवाब प्रस्तुति करण उम्दा पठनीय लिंक संकलन।

    जवाब देंहटाएं

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