दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
---
▼
सोमवार, 11 फ़रवरी 2019
1305...हम-क़दम का सत्तावनवाँ क़दम
स्नेहिल अभिवादन
नज़र पर आप हमारे प्रिय रचनाओं ने इतना कुछ
रच दिया है कि जैसे अब और कुछ कहना शेष नहीं।
★
मेरी नज़र, उसकी नज़र, सबकी नज़र
नज़र बेरहम, नज़र हमदम, बावस्ता-ए- नज़र
★★★
सबसे पहले एक ग़ज़ल पढ़ लीजिए।
★
अपनी ही रवानी में बहता नज़र आता है
ये शहर बुलंदी से दरिया नज़र आता है
देता है कोई अपने दामन की हवा उस को
शो'ला सा मिरे दिल में जलता नज़र आता है
उस हाथ का तोहफ़ा था इक दाग़ मिरे दिल पर
वो दाग़ भी अब लेकिन जाता नज़र आता है
आँखों के मुक़ाबिल है कैसा ये अजब मंज़र
सहरा तो नहीं लेकिन सहरा नज़र आता है
इक शक्ल सी बनती है हर शब मिरी नींदों में
इक फूल सा ख़्वाबों में खिलता नज़र आता है
आँखों ने नहीं देखी उस जिस्म की रानाई
ये चार तरफ़ जिस का साया नज़र आता है
दरिया को किनारे से क्या देखते रहते हो
अंदर से कभी देखो कैसा नज़र आता है
फिर ज़ौ में 'नदीम' अपनी कुछ कम है सितारा वो
ये रात का आईना धुँदला नज़र आता है
नज़र जिंदगी की, नजरिया बन गई , कहीं चढ़ी परवान, कहीं धूल में मिला गई | उठी नजरें, दिल में वफ़ा के फूल खिला गई , झुकी हुई नजरें , बेरुखी का सबब बन गई | ★★★★★
और चलते-चलते एक गीत यशोदा दी की पसंद का
एक-एक क़दम बढ़ता हमक़दम आप सभी के सहयोग से मुकम्मल हो रहा है। आज सभी का तहेदिल से बेहद शुक्रिया। आज का यह अंक आप सभी को कैसा लगा आपकी बहुमूल्य की सदैव प्रतीक्षा रहती है। हमक़दम के नये विषय के लिए कल का अंक पढ़ना न भूलें। आज के लिए आज्ञा दें- श्वेता सिन्हा
सुप्रभात, बेहतरीन विषय पर एक बेहतरीन प्रतुति,सारी रचनाये एक से बड़कर एक हैं,मेरी एक पुरानी रचना को खोजकर जगह देने के लिये बहुत बहुत अभिनंदन आभार। कुसुम जी कि ये ग़ज़ल दिल को छू गयी-
लो फिसल ही गई नजर संभलते संभलते कह गया आफताब फिर ढलते ढलते । चार कदम ना चल सके हयात ए सफर में मिले थे कभी जो सरे राह चलते चलते।
इतनी व्यस्तता पारिवारिक दायित्व और लेखन कार्य के बीच भी आप इतनी उम्दा प्रस्तुति दे देती हो, ये आप की ब्लॉग के प्रति अपार प्रतिबध्दता का सुंदर उदाहरण है। शानदार प्रस्तुति। मेरी रचना को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया। सभी रचनाकारोंको बधाई।
हमकदम के इस अंक में आज बेहद उम्दा रचनाओं का संकलन ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! वेलेंटाइन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
बहुत ही उन्दा प्रस्तुति एक से बढ़कर एक रचना पढ़ने को मिली ,सारे रचनाकारों को दिल से बधाई ,मेरे रचना को भी स्थान देकर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए दिल से धन्यवाद स्वेता जी
बहुत ही शानदार प्रस्तुतिकरण एवं उम्दा लिंक संकलन.....।नजर नजारा और नजरिया !!! खूबसूरत सारगर्भित प्रस्तुतियाँँ....सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाइयां.....।
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं। 2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें। ३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें . 4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो। प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
दरिया को किनारे से क्या देखते रहते हो
जवाब देंहटाएंअंदर से कभी देखो कैसा नज़र आता है..
सुंदर अंक ,पथिक की लेखनी को सम्मान देने के लिये धन्यवाद श्वेता जी। सभी को सुबह का प्रणाम।
सुप्रभात,
जवाब देंहटाएंबेहतरीन विषय पर एक बेहतरीन प्रतुति,सारी रचनाये एक से बड़कर एक हैं,मेरी एक पुरानी रचना को खोजकर जगह देने के लिये बहुत बहुत अभिनंदन आभार।
कुसुम जी कि ये ग़ज़ल दिल को छू गयी-
लो फिसल ही गई नजर संभलते संभलते
कह गया आफताब फिर ढलते ढलते ।
चार कदम ना चल सके हयात ए सफर में
मिले थे कभी जो सरे राह चलते चलते।
बहुत सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर प्रस्तुति मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार आपका श्वेता जी
जवाब देंहटाएंइतनी व्यस्तता पारिवारिक दायित्व और लेखन कार्य के बीच भी आप इतनी उम्दा प्रस्तुति दे देती हो, ये आप की ब्लॉग के प्रति अपार प्रतिबध्दता का सुंदर उदाहरण है।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।
सभी रचनाकारोंको बधाई।
हमकदम के इस अंक में आज बेहद उम्दा रचनाओं का संकलन ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! वेलेंटाइन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही उन्दा प्रस्तुति एक से बढ़कर एक रचना पढ़ने को मिली ,सारे रचनाकारों को दिल से बधाई ,मेरे रचना को भी स्थान देकर मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए दिल से धन्यवाद स्वेता जी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन हमक़दम की प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंलाजबाब रचनाएँ, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें |
मुझे स्थान देने के लिए सह्रदय आभार आदरणीया श्वेता जी
सादर
बहुत सुंदर अंक आदरणीया
जवाब देंहटाएंउम्दा.....लाजवाब रचनाएं
मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए आभार.........जी सादर
पठनीय एवं सुंदर रचनाओं का संकलन। अपनी रचना को इस विशेषांक में शामिल देखकर बहुत खुशी हुई। तहेदिल से शुक्रिया....
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार प्रस्तुतिकरण एवं उम्दा लिंक संकलन.....।नजर नजारा और नजरिया !!!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत सारगर्भित प्रस्तुतियाँँ....सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाइयां.....।
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार श्वेता जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं