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गुरुवार, 13 सितंबर 2018

1154...जीत गये तो इनका सजता सुरक्षित शाही दरबार..

सादर अभिवादन। 
जनता कहती 
सता रही है 
महँगाई की मार, 
नेताओं को 
पहनाओ अब 
सूखे पत्तों के हार। 
लेने वोट हमारा 
नेता झुकते बारम्बार, 
जीत गये तो 
इनका सजता  
सुरक्षित शाही दरबार।  

आइये अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें -

तीज की शुभकामनाएं…. प्रियंका श्री 


My photo

हाथों में डाल लाल चूड़ियाँ,
मांग में भर लाल सिंदूर,
ओढ़ लाल चुनर सिर से,
मांगती हूँ वादा तुझसे ,
साथ सात जन्मों का ,


'उलूक’ तखल्लुस है, कवि नहीं है, 

कविता लिखने नहीं आता है जो उसे समझ में नहीं आता है 

बस उसे बेसुरा गाना शुरु हो जाता है…..

डॉ. सुशील कुमार जोशी 


इस देश में 
किसी के बाप का 
कुछ नहीं जाता है 

होनी है 
जो होती है 
उसे 
अपने अपने 
पैमाने से 
नाप लिया जाता है 



बदलना भविष्य का…. दिगम्बर नासवा 

मेरी फ़ोटो 

तो क्यों न मिल कर बदल दें “आज”
भविष्य में समझे जाने वाले इतिहास जैसे

गीता भी तो कहती है परिवर्तन संसार का नियम है
बदल दें आज भविष्य की सोच की तरह ... 



घने वृक्ष, चीखते झींगुर, अंतहीन बीहड़,


चीखते फड़फड़ाते, अनमनस्क से चमगादड़,

कुछ ज़िन्दगियाँ अब भी रहती है वहाँ,

दम घोंटती हवाओं में, पैबन्द हैं साँसें जहाँ,

जिन्दगी को ढ़ूँढ़ने जाता हूँ मैं वहाँ...



मैं हूं आम आदमी.....अभिलाषा चौहान 



मैं जब जागा
हुई क्रांतियां अनेक
पल में बदल गया इतिहास
बस मैं परखता हूं
सब ओर निरखता हूं
अति सर्वत्र वर्जयेत पर
अमल करता हूं
मैं गिरगिट नहीं जो
रंग बदल दूं

 

सूचना प्रौद्योगिकी और हिंदी 

मानव जाति हार नहीं मानती 

अरविंद कुमार

image

इस आज इंटरनेट पर हर कोई ब्लाग, फ़ेसबुक, वाट्सअप, गूगल, इन्स्टाग्राम, ट्विटर, ईमेल, लिंक्डइन, मैसेंजर आदि माध्यमों से परस्पर संपर्क में रह सकता है। फ़ेसबुक पर मेरी गहरी दोस्ती ऐसे लोगों से संभव हो पाई जिनके नाम भी मैं ने नहीं सुने थे। यूट्यूब पर मैं भूली बिसरी फ़िल्में और हर विषय के वीडियो देख सकता हूँ। गूगल के नक़्शे अब हिंदी में मिलने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनैट पर हिंदी सामग्री हर साल 95 प्रतिशत बढ़ रही है।

 


लेख्य मंजूषा पटना की की ओर से अपनी पत्रिका 

'साहित्यिक स्पन्दन

का लोकार्पण एवं कवि-गोष्ठी दिल्ली में सम्पन्न.....

हेमंत दास "हिम"


 

सांस्कृतिक संस्था 'लेख्य मंजूषा' की पत्रिका 'साहित्यिक स्पंदन
का लोकार्पण भव्य समारोह के बीच दिनांक 8.9.2018 को दिल्ली में इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स के सभागार में संपन्न हुआ, स्वागत 
भाषण संगीता गोविल ने किया. लोकार्पण के बाद एक शानदार
कवि गोष्ठी "समाज-सौगात सौ के जज़्बात " का आयोजन हुआ। 
जहाँ मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थींश्रीमती प्रतिमा चतुर्वेदी
श्रीमती नीलिमा शर्मा, और श्री मुकेश कुमार सिन्हा.



पाक्षिक संस्करण

मीम ..राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"



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हम-क़दम के  छत्तीसवें क़दम
का विषय...
यहाँ देखिए...........


आज बस यहीं तक। 

फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 
कल की प्रस्तुति - आदरणीया श्वेता सिन्हा जी। 

रवीन्द्र सिंह यादव 


13 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात भाई रवीन्द्र जी
    बढ़िया प्रस्तुति
    सही व सटीक रचनाओं का चयन तो कोई
    आपसे सीखे
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर संकलन
    हम आभारी है लेख्य-मंजूषा की खबर यहाँ होने से
    सस्नेहाशीष

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन रचनाएं सुंदर प्रस्तुति रवीन्द्र जी सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  4. आज की मनभावन हलचल प्रस्तुति में 'उलूक' के सूत्र को भी जगह देने के लिये आभार रवींद्र जी।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
    गणेशोत्सव की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
    गणेश चतुर्थी की अनन्ई शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण सुंदर लिंकों का चयन के लिए बधाई रवीन्द्र जी को।
    आभार।

    जवाब देंहटाएं
  8. शुभसंध्या रवींद्र जी,
    समसामयिक परिदृश्य में गंभीर चिंंतन को प्रेरित करती आपकी सारगर्भित भूमिका बेहद विचार को उद्वेलित कर रही है।
    सभी रचनाएँ. बहुत अच्छी लगी।
    सुंदर प्रस्तुति की बधाई स्वीकार करें।

    जवाब देंहटाएं
  9. रवीन्द्र जी, आभार,सुन्दर प्रस्तुति,इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  10. आदरणीय रवीन्द्र जी सदा की
    तरह बेहतरीन प्रस्तुति श्रेष्ठ रचनाओं का सुंदर संकलन
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका सादर आभार

    जवाब देंहटाएं
  11. सुंदर प्रस्तुति रवीन्द्र जी
    सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई 🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  12. नेता बस अपने लिए काम करते हैं ।..
    अच्छा संकलन है आज का ... आभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  13. रवीन्द्र जी सादर अभिनन्दन, आपकी बहतरीन प्रस्तुतियों के लिए तथा आपके इस मंच पर उपस्थित सभी रचनाकारों के लिए सादर प्रणाम आपका व आपके सहयोगियों का भी हार्दिक अभिनन्दन इस बात के लिेए कि वे सभी अपना कीमती समय लगाकर इतने वढ़िया ब्लाग्स को यहाँ प्रस्तुत करते हैंं। मैरी साइट https://www.ayurvedlight.com/ पर भी आप लोग सादर आमंत्रित हैं। हाँ एक बार पुनः मैं आपका आभारी हूँ कि आपने मेरी साइट का लिंक यहाँ दिया है हो सकता है कि मेरी लेखनी किसी रोगी का कष्ट दूर कर सके।

    जवाब देंहटाएं

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