---

रविवार, 1 जुलाई 2018

1080...बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ साथ बहुत जरूरी है थोड़ा थोड़ा बेटी धमकाओ भी

सादर अभिवादन
आज का दिन मेरे पल्ले
कल 30 जून को बाबा नागार्जुन का जन्म दिन था
भावभीनी श्रद्धांजली
चलिए सैर करवाते हैं अपने बागीचे की
पहले पूछते हैं गूगल जी महाराज से
आज का इतिहास क्या है...?
गूगल जी महाराज ने बताया कि
एक जुलाई 1938 को मशहूर बांसुरी वादक 
पंडित हरिप्रसाद चौरसिया का जन्म हुआ था.
सादर नमन उनको

अब चलें सैर के लिए...देर हो रही है...

घर के खिड़की - दरवाज़े 
इन दिनों 
बंद करते वक़्त 
बहुत आवाज़ करते हैं ।  
जैसे घर में 
रहने वालों के 
अहम टकराते हों 
बात बात पर ।

अफ़वाहों का बाज़ार गर्म है
क़ानून क्यों इतना नर्म है ?
मॉब-लिंचिंग का यह भयावह दौर
इंसानियत के लिये अब कहाँ है ठौर
जब किसी मज़लूम को सताया जाता था
आततायी भीड़ के आगे खड़े होते थे हम
आज किसके साथ खड़े होते हैं हम ?

दुःख,व्यथा,क्षोभ ही नहीं भरा
बस विरह, क्रोध ही नहीं धरा
मकरंद मधुर उर भीत सुनो
जीवन का छम-छम गीत सुनो

My photo
चंदा तेरी शीतलता में, रही न अब वो बात।
बिन पंखे कूलर के ही जब, मन भाती थी रात।।

तेरे संगी साथी तारे, मलिन से रहते हैं।
मानव के अत्याचारों को, मन मार सहते हैं।।


अब न  डरेंगे अब न रुकेंगे
इन जुल्म ओर अत्याचारों से
कब तक घर में छुपे रहेंगे
इन कलयुगी शैतानों से...
सब चुप सहती रही हमेशा
उसका यह परिणाम मिला
मसला रोंदा फिर फेंक दिया
इन कलयुगी शैतानों ने

बेटी 
कहलवाने 
का भाव उसके 
सनकी हो गये 
दिमाग में से 
नहीं निकल 
पा रहा है 
उसकी समस्या है 

तू किसलिये 
फनफना रहा है 
अगर कोई 
बेटी 
धमका रहा है.... 
उपरोक्त प्रस्तुति सरकार और शिक्षिका पर संदर्भित है
जिसमें एक पक्ष 
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और
विधवा शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा पर आधारित है
कृपया पढ़ें 



आज बस यहीं तक..
दिग्विजय



15 टिप्‍पणियां:

  1. वाआआह,,,
    शुक्रिया आभार
    सटीक संकलन
    शुभ प्रभात
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन रचनाएं बहुत सुंदर संकलन सादर आभार आपका मेरी रचना को साझा करने के लिए

    जवाब देंहटाएं
  3. बाबा नागार्जुन को शत शत नमन
    उम्दा संकलन

    जवाब देंहटाएं
  4. जरूरी हैं जनकवि नागार्जुन का जिक्र करना आज के माहौल में। कल उनका जन्मदिन था उन्हें नमन। आभार'उलूक' की सनक का भी जिक्र करने के लिये दिग्विजय जी।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर संकलन, बाबा नागार्जुन जैसे मस्तमौला कवि का रचनारसंसार अनूठा है। उन्हें शत - शत नमन।

    जवाब देंहटाएं
  6. 👌👌👌अति मन मोहक संकलन गुणी जनों का आभार
    पांच लिंक आनंद है उच्च कवियों का सार ! नमन

    जवाब देंहटाएं

  7. स्मृति सुमन अर्पित करती सुंदर भूमिका के साथ बहुत सुंदर रचनाओं का गुलदस्ता तैयार किया है आपने सर।
    आज के संकलन में मेरी रचना को स्थान देने के लिए अति आभार आपका सर।

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय दिग्विजयजी परम सौभाग्य बाबा नागार्जुन जिनके पल्ले पड़ें !
    हम भी बहुत इतरा रहे हैं कि इसी चौपाल के एक कोने में हम भी पड़े हैं ....महफ़ूज़ .
    बाबा को परनाम बारम्बार. आपका अत्यंत आभार .

    ब्लॉगर में पोस्ट कमेंट नोटिफिकेशन ईमेल आना बंद होने के चलते और गूगल प्लस कमेंट्स भी ब्लॉगर पर लेन की कोशिश में आपका कमेंट उड़ ही गया था . यदि कोई ब्लॉगर का भरपूर तकनिकी इस्तमाल करने में मार्गदर्शन कर सके तो बहुत आभार मानेंगे .

    जवाब देंहटाएं
  9. सारे समाज में हाहाकार मचा हुआ है इन बर्बर अपराधों को लेकर .
    घर के आश्रित बुजुर्गों को पीटने से लेकर बच्चियों के निर्मम बलात्कारों तक .
    इस मानसिक विकृति की शुरुआत कहीं ना कहीं व्यक्तिगत संस्कारों में होती होगी . नहीं ?
    अब शिकायत करने और रोने से भी कुछ ना बदलेगा . जब तक घर घर में हम अपने ही परिवार के सदस्यों पर कड़ी नज़र रखना और टोकना शुरू ना करेंगे . ये ज़हरीली बेल फैलते फैलते गले का फन्दा बन गई है . किसी सरकार और कानून के बस की नहीं . हो भी तो हम प्रतीक्षा नहीं कर सकते . अब घर से ही नकेल कसनी होगी . समूल बीज नष्ट करे बिना मुक्ति ना मिलेगी .

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुंदर प्रस्तुति.. रचनाओं का बढिया संकलन ।
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुंदर सार्थक प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  13. प्रभावशाली प्रस्तुतिकरण आदरणीय भाई जी.
    बेहतरीन रचनाओं का संकलन.
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.
    मेरी रचना को स्थान देने के लिये सादर आभार.

    जवाब देंहटाएं
  14. प्रभावशाली प्रस्तुतिकरण आदरणीय भाई जी.
    बेहतरीन रचनाओं का संकलन.
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.
    मेरी रचना को स्थान देने के लिये सादर आभार.

    जवाब देंहटाएं
  15. जी आदरणी दिग्विजय जी -- बेटों के साथ बेटियों को भी धमकाना भी जरूरी है और समझाना भी | बहुत सरल होती हैं बेटियां उनकी अस्मिता के गौरव के लिए ये छोटा सा प्रयास ही कहूंगी जरूरी है ताकि उन्हें अच्छे-बुरे की समझ सहजता से आ सके | सभी लिंकों के साथ अतुलनीय अंक | भोले फक्कड़ बाबा नागार्जुन को शत शत नमन | उनका पुण्य स्मरण बहुत जरूरी है जिन्होंने बड़ी बड़ी कथित हस्तियों के आगे कभी समझोता नहीं किया | वही कहा जो कहना था | आपको हार्दिक शुभकामनाये सुंदर प्रस्तुतिकरण हेतु | देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी | सादर

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।