एक रिफ़ाइंड, सुन्दर, खिलखिलाकर बिखर-बिखर जाती, नवयौवना , देखने में ही संभ्रान्त,
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बुधवार, 16 मई 2018
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एक रिफ़ाइंड, सुन्दर, खिलखिलाकर बिखर-बिखर जाती, नवयौवना , देखने में ही संभ्रान्त,
17 टिप्पणियां:
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शुभ प्रभात सखी
जवाब देंहटाएंसंयुक्त परिवार की तरफदारी काबिले तारीफ़ है
रचनाएँ सही व सटीक है
साधुवाद
विश्व परिवार दिवस की शुभकामनाएँ
सादर
सुप्रभातम् पम्मी जी,
जवाब देंहटाएंशहरी संस्कृति और आधुनिकता के बोझ से दबकर संयुक्त परिवार का अस्तित्व खतरे में हैं। सहूलियत के हिसाब से जीवन जीने की चाह में
एकल होते परिवार का वजूद आने वाली पीढियों पर भी खासा असर डालेगी।
बहुत सुंदर सारगर्भित भूमिका पम्मी जी और बढ़िया रचनाओं का शानदार संकलन है आज के अंक में।
Thank you Pammi Ji for including my poem, it is an honour ma'am. I loved the others poems too, an excellent collection.
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंविश्व परिवार दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।
संयुक्त परिसर आकाश कुसुम सा लुभाता तो है पर हाथ नही आता ।
एकल नैतृत्रव के बिना ये संभव नही और आज के दौर मे सभी अपनी निर्णय क्षमता को सर्वोत्तम मानते हैं। सभी रचनाकारों को बधाई।
सयुंक्त परिवार में आँख खोली
जवाब देंहटाएंएकल परिवार या यूँ कहें तन्हाई में आँख बंद होगी
बहुत कसक संग ले चल रही हूँ
उम्दा प्रस्तुतीकरण
सुन्दर सूत्रो से सजी आज की हलचल के बीच में 'उलूक' की बकबक। आभार पम्मी जी।
जवाब देंहटाएंसंयुक्त परिवार की नीव दिन ब दिन खोखली होती जा रही है. आगे आनेवाली पीढ़ियों पर इसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा.
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति . सभी रचनाकारों को बधाई.
सयुंक्त परिवार हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है लेकिन अब बहुत कम ऐसे परिवार बचे हैं।
जवाब देंहटाएंआज एकल परिवार का चलन बढ़ गया है।
खैर
आज की हलचल में सभी रचनाएं चुनिदा रही।
अति सुन्दर और सबकी जरूरत ...संयुक्त परिवार
जवाब देंहटाएंपम्मी जी सहज भाव से समाकलित किया ये संकलन हास्य और ज्ञान दोनों दे गया ..अति आभार
मनभावन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी को विश्व परिवार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ..खुशनसीब हूँ कि हम सब साथ साथ रहते हैं ....।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति ।
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा ल़िक संकलन...
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंविश्व परिवार दिवस पर आदरणीया पम्मी जी की ओर से गंभीर चर्चा आरंभ की गयी जिसे टिप्पणीकारों ने आगे बढ़ाया. विचारणीय सूत्रों का चयन. सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंत्याग और प्रेम जीवन में सिकुड़ता गया और व्यक्ति व्यक्तिगत विकास की ओर उन्मुख हुआ तो परिवार का विघटन आरंभ हुआ जिससे स्वच्छंदता को बढ़ावा मिला जो नयी पीढी की आवश्यक मांग है.
आज तो न्यूक्लीयर फैमिली चर्चा में है.
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसंयुक्त परिवार व्यवस्था को वापस चलन में लाना चाहिए। संयुक्त परिवारों के टूटने से संस्कारों व नैतिक मूल्यों का ह्रास हुआ है। विचारणीय प्रस्तुति।चयनित रचनाकारों को बधाई !
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