सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष
प्रणामाशीष
यूँ तो कई समर हुए है ,
जीवन की गति देखकर ,
पर हर समर में उसकी आखरी मुहोब्बत ,
उसकी आखरी चूभन है|
आखरी उम्मीद
यह एक अजीब सी स्थिति थी । उस व्यक्ति को समझ नहीं आ रहा था
कि वह पानी पीये या उसे हैण्ड पम्प में डालकर चालू करे ।
उसके मन में तमाम सवाल उठने लगे, अगर पानी डालने पर भी पम्प नहीं चला ।
अगर यहाँ लिखी बात झूठी हुई और क्या पता जमीन के नीचे का पानी भी सूख चुका हो ।
लेकिन क्या पता पम्प चल ही पड़े, क्या पता यहाँ लिखी बात सच हो,
वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे ?
मेरी आखरी घड़ी
वक़्त ने कहाँ था की रूक जाऊंगा दो पल
मैंने कहाँ टी गुज़र जा; ये उनकी गुज़ारिश हैं...
बड़े सजके सज़दे किए औरो के लिए उन्होनें
मुझसे परे हों गएं यहीं अपनी रंजिश हैं...
अलविदा-ब्लाग-साथीयों
मुझे बहुत दूख है की ईतनी जलदी जाना पड रहा है।
सायद उस समय कमेंट पढने के लीये मेरे पास ईंटरनेट कनेक्शन नही हो।
मै कीसी के लीये सायद आसा और कीसी के लीये निराशा हूं…
दूखी हो के नही जा रहा हूं। और ना ही अपने मन से।
><><
जीवन की गति देखकर ,
पर हर समर में उसकी आखरी मुहोब्बत ,
उसकी आखरी चूभन है|
आखरी उम्मीद
यह एक अजीब सी स्थिति थी । उस व्यक्ति को समझ नहीं आ रहा था
कि वह पानी पीये या उसे हैण्ड पम्प में डालकर चालू करे ।
उसके मन में तमाम सवाल उठने लगे, अगर पानी डालने पर भी पम्प नहीं चला ।
अगर यहाँ लिखी बात झूठी हुई और क्या पता जमीन के नीचे का पानी भी सूख चुका हो ।
लेकिन क्या पता पम्प चल ही पड़े, क्या पता यहाँ लिखी बात सच हो,
वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे ?
मेरी आखरी घड़ी
वक़्त ने कहाँ था की रूक जाऊंगा दो पल
मैंने कहाँ टी गुज़र जा; ये उनकी गुज़ारिश हैं...
बड़े सजके सज़दे किए औरो के लिए उन्होनें
मुझसे परे हों गएं यहीं अपनी रंजिश हैं...
अलविदा-ब्लाग-साथीयों
मुझे बहुत दूख है की ईतनी जलदी जाना पड रहा है।
सायद उस समय कमेंट पढने के लीये मेरे पास ईंटरनेट कनेक्शन नही हो।
मै कीसी के लीये सायद आसा और कीसी के लीये निराशा हूं…
दूखी हो के नही जा रहा हूं। और ना ही अपने मन से।
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विभा रानी श्रीवास्तव
स्त्री होना गर्व रहा सदा