बीत गया....
एण्ड वी कैन स्पीक इन इंग्लिश
काँग्रेचुलेशन्स...
दरअसल मेरे की बोर्ड में इंग्लिश
को इंग्लिश मे टाईप करने की सुविधा नहीं है
‘उड़ती बात’ उड़ते-उड़ते
हमारी शाखाओं पर विश्राम स्थल बनाया.....
जैन अमित जी एक अच्छे श़ायर के साथ-साथ
एक अच्छे धार्मिक आलेख भी लिखते हैं..
आज की प्रस्तुति में उनकी लिखी एक रचना भी है...
चलिए आज-कल में पढ़ी रचनाओं से कुछ..
नई विधा....चलो न वहीं से शुरु करते हैं
मेरा ईमान महज़ इसी शर्त पर, मुनहसर नही है
कि जब भी लूटेंगे सिर्फ, चाँद सितारे ही लूटेंगे
चलो न वहीं से शुरु करते हैं, हम हमारे तबसिरे
कि कभी तुम खैरियत लो, कभी हम हाल पूछेंगे
विविधा पर.....आँख खुली घेरती
नंदनवन में जन्मे, गंध में नहाए पर
हम बबूल, रोज़ कटी शाखें हमको मिलीं
अदनों को ताज-तख़्त, राज-पाट क्या नहीं
और सर छुपाने को ताखें हमको मिलीं
मन के पाखी...चाँद
चाँदनी रातों को अक्सर छत पे चले जाते है
वो भी देखते होगे चंदा सोच सोच मुस्कुराते है
पलकों के पिटारे मे बंद कर ख्वाब नशीले
रेशमी यादों के आगोश में गुम हम सो जाते है
@अभी....माँ क्या कोई अभागी कभी डोली नही चढ़ती ?
भले ही इन कलाईयों को
खानदानी कंगन न मिले
पर उस घर के बुजुर्गों का
आशीष तो मिले
जिस घर मेरी डोली जाएगी,
कविता पर.....ख्वाब तेरे किरचियाँ बन
मंज़िल पास थी रास्ता साफ था दो कदम डग भरने थे
गलतफहमी की ऐसी हवा चली सारे रास्ते धुंधला गए
बड़े शिद्दत से फूलों में बहार-ए-जोबन आयी थी
वक्त के साथ मिरे गजरे के सारे फूल मुरझा गए
नई सोच पर.....जाने कब खत्म होगा, ये इंतज़ार
ये अमावस की अंधेरी रात
तिस पर अनवरत बरसती
ये मुई बरसात...
और टपक रही मेरी झोपड़ी
की घास-फूस......
भीगती सिकुड़ती मिट्टी की दीवारें
जाने कब खत्म होगा..ये इन्तजार ?
उलूक टाईम्स की ताजा कतरन
कोई
शक नहीं
‘उलूक’
सूचना मिले
घर की दीवारों
पर चिपकी
किसी दिन
शेर लिखना
उल्लुओं का नहीं
शायरों का काम है ।
अति सर्वत्र वर्जयेत..
आज्ञा दें..
यशोदा...
एक छोटा सा वीडियो
11 मनोदय ऑप्टिकल भ्रम
समय मात्र 8 मिनट
वाह...
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
अच्छी रचनाएँ
सादर
सुंदर संकलन. सभी रचनाकारों को शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआभार
हटाएंमेरी रचना को मान-स्थान देने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद आभार आदरणीया। बहुत ही सुंदर अंक।। शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल प्रस्तुति। आभार यशोदा जी 'उलूक' के 1250वें सूत्र को सम्मान देने के लिये।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात।
जवाब देंहटाएंहास्य उत्पन्न करती सुन्दर भूमिका के साथ बेहतरीन अंक जिसमें युवा पीढ़ी का ख़ासा प्रतिनिधित्व।
एक से बढ़कर एक सरस ,सुन्दर लिंक। अंत में रोचक वीडियो।
बधाई आदरणीय बहन जी।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
आभार सादर।
बहुत सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई
बहुत सुंदर संकलन दी,ऊपर हिंदी में लिखी अंग्रेज़ी अच्छी लगी,सारी रचनाएँ बहुत अच्छी है।सुंदर संयोजन लिंकों का।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को मान देने के लिए अति आभार दी।
अच्छी हलचल ... नए सूत्र मिलये आज बहुत से ...
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात....
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन....
आभार आप का....
आभार
हटाएंबहुत अच्छी भूमिका के साथ सुंदर संकलन.।
जवाब देंहटाएंचयनित रचनाकारों को बधाई एवम् शुभकामनाएँ।
धन्यवाद।
आभार
हटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार
हटाएंआदरणीय दीदी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
कैसे कर लेती हैं आप इतना अच्छा संकलन
दस रोज से मैं आपके साथ आप ही के घर पर हूँ
कभी देखी नहीं..इतना सबकुछ लिखते..
आपने तो मुझ काँच को हीरा बना दिया
सोचती हूँ कहाँ सड़ रही थी मैं
आभार..
आदर सहित
आभार
हटाएंआभार आपका दो बातों के लिए, पहली तो ये कि आपने मुझ अकिंचन को यहां स्थान दिया, दूसरा ये कि इतना अच्छा साहित्य पढ़ने का मौका दिया।
जवाब देंहटाएंमैं बहुत-बहुत आभारी हूँ आपकी।
सदा की तरह उम्दा
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर पठनीय लिंक संयोजन.......
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार... यशोदा जी !
आदरणीया,दीदी प्रणाम कमाल की प्रस्तुति सभी रचनायें एक से बढ़कर एक एवं अंत में लाज़वाब चलचित्र आभार। "एकलव्य"
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