होश वाले हो तो हर बात को समझा न करो
-महमूद अयाज़
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शुभ प्रभात पम्मी बहन
जवाब देंहटाएंबहुत ही उत्तम रचनाओं का चयन
नव प्रयोग मन को आकर्षित करता है
सादर
कोमल धूप पर क़दमताल करती भीनी हलचल ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...
ऊषा स्वस्ति !
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचनाओं से सजा आज का अंक मनोहारी है।
वैचारिक विविधता के दर्शन कराता पठनीय अंक।
बधाई पम्मी जी।
सभी रचनाकारों को इस अंक में उनकी रचना के चयन पर बधाई एवं शुभकामनाऐं।
मेरी रचना "छम्मकछल्लो" को विमर्श के लिए स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।
सादर।
वस्ल के एहसास पर नज़रें चुराना फिर कहाँ?
जवाब देंहटाएं.... आनन्दमयी प्रस्तुति।
आज की प्रस्तुति में मेरी रचित पंक्तियों को शीर्षक के रूप में देखकर मन प्रसन्न् हो गया। आप सबों के आशीष का आकांक्षी।।।।। शुभप्रभात
गौरी लंकेश को विनम्र श्र्द्धांजलि
जवाब देंहटाएंअति सुंदर प्रस्तुतीकरण
गौरी लंकेश अब नहीं रहीं!
हटाएंदक्षिणपंथ और संकीर्णता का विरोध करता उनका लेखन कल उनकी निर्मम हत्या का कारण बना।
कल वे गोलियों से छलनी कर दी गयीं ......!!!
व्यक्ति मर सकता है लेकिन उसका कृतित्व नहीं।
हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।
बहुत ही सुंदर आकर्षक सभी लिंक लाजवाब है पुनः आभार
जवाब देंहटाएंउषा स्वास्ति पम्मी जी,
जवाब देंहटाएंसुंदर पठनीय रचनओं से सजा आज का अंक बहुत अच्छा लगा।आपकी सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई।
सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएँ।
आदरणीया गौरी लंकेश को विनम्र श्रद्धांजलि।
आदरणीय पम्मी जी आज का अंक बेहद विशेष छम्मकछल्लो विशेष तार्किक एवं आदरणीय नवीन मणि जी की गज़ल व दिगम्बर साहब की रचना अत्यंत सराहनीय है युवा कवि पुरुषोत्तम जी की रचना हृदयस्पर्शी ,लिंको का चयन उम्दा एवं प्रयोग सृजनात्मक बहुत -बहुत बधाई ,आभार "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति। आभार पम्मी जी 'उलूक' के सूत्र को जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संकलन पम्मी जी पठनीय ,सृजनात्मक हृदयस्पर्शी ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संकलन पम्मी जी पठनीय ,सृजनात्मक हृदयस्पर्शी ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक अंदाज में सूत्रों का प्रस्तुतिकरण..हलचल ने वाकई नई हलचल मचा दी है
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर ,उम्दा लिंक संकलन एवं प्रस्तुतिकरण
जवाब देंहटाएंवाह ! बेहतरीन संकलन ! बहुत खूब आदरणीया ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन पम्मी जी । बधाई आपको भी और सभी चयनित रचनाकारों को भी । हम सभी को आपस में जोड़ने वाले सभी हलचल सूत्रधारों का दिल से शुक्रिया ।
जवाब देंहटाएंआप सभी के स्नेह, अवसर और टिप्पणी के लिए धन्यवाद।
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