दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शुक्रवार, 14 जुलाई 2017
728.....लिखता गया लिखते लिखते शायद लिखना आ जाये
सादर अभिवादन लिखना-पढ़ना
आना-जाना
चलना-फिरना
उठना - बैठना
रोना-हंसना रूठना-मनाना और.... जलाना-बुझाना
ये जिन्दगी का
एक अहम हिस्सा है
इसमें कोई नयापन नहीं
आज की पसंदीदा रचनाओं के सूत्रों पर एक नज़र...
सत्य संधान .........डॉ. सत्यनारायण पाण्डेय शैतानों की इस नगरी में इंसान खोजते हो? मरू भूमि में बागों का उन्वान खोजते हो? जहाँ केवल पेट की ही चिंता सर्वोपरी हो, वहाँ चिंतन महान खोजते हो ??
लिखने पढ़ने का कुछ हुवा या नहीं वो खुदा जाने पर मक्कारी में जरूर उस्ताद हो गया हूँ निरक्षरों को अब साक्षर बना रहा हूँ खाली बिलों में दस्तखत करना सिखा रहा हूँ बुद्धीजीवी का प्रमाण पत्र जब से मिला है लाल बत्ती गाडी़ पर लगा रहा हूँ सादर ..
Only if you reach the boundary, will the boundary recedes before you. And if you donot, I you confine your efforts, the boundary will shrink to accommodate itself to your efforts.And you can only expand your capacities by working to the very limit.
१४/१५[--हे म्हाभाग्य्व्ती,ज्ञानस्वरूपA ,जमल के समान विशाल नेत्र्वाली, ज्ञान दात्री सरस्वती मुझे विद्या दो.मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ----ASHOK-सरस्वती स्त्रोत4/15--उन वचन की अदिष्ठात्री देवी को मैं प्रता हूँ जिनकी कृपा से मनुष्य देवता बन जाता है सरस्वती स्त्रोतंAshok kuमर-प्प्र्नाम करता ३/१५ शरत्काल में उत्पन कमल के समान मुखवाली और वब मनोरथों को देनेवाली शारदा सब सम्पतियों के साथ सदा मेरे मिख में निवास करें- -सरस्वती स्त्रोत-प्रस्तुति-ASHOK १/१५-बुधिरूपी सोने के लिए जो कसौटी के समान हैं.जो केवल वचन के द्वारा ही मूर्ख और विद्वान् की परीक्षा क्र देती हैं.वः सरस्वती हमारा पालन करें--सरस्वती स्त्रोत 4/15--उन वचन की अदिष्ठात्री देवी को मैं प्रणाम करता हूँ जिनकी कृपा से मनुष्य देवता बन जाता है सरस्वती स्त्रोतं २/१५ हे कमल के आसन पर बैठने वाली सुन्दरी, देवी सरस्वती,तुम सभी दिशाओं को प्रकाशित क्र रही हो.तुम अपनी देह की शोभा से खिर्साग्र को अपना दास बनानेवाली हो.तुम अपनी सुंदर मुस्कान से शरद ऋतु के के चन्द्रमा को तिरस्कृत करने वाली हो .मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ.—सरस्वती स्त्रोतं –प्रस्तुती-अशोक १२/१५ सरस्वती को नित्य नमस्कार है.वेड,वेदांग,वेदान्त तथा विद्या के स्थानों को प्रणाम है-ASHOK
शुभ प्रभात। गरिमामय पठनीय अंक। मन को मुदित करते और मंथन के लिए भाव-भूमि तैयार करते विभिन्न सूत्र। स्मार्ट तोते का वीडियो रोचक है। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई। अपनी रचना तितली को इस अंक में पाकर अभिभूत हूं। आभार सादर। छोटे से अंतराल में पांच लिंकों का आनंद डेढ़ लाख पेज व्यूज का आंकड़ा पार कर चुका है इसके लिए हम सब बधाई के पात्र हैं। आप सभी का स्नेह ,आशीर्वाद और समर्थन यूं ही मिलता रहेगा यही आकांक्षा है। पुनः आभार।
शुभ प्रभात आदरणीय दीदी मनमोहक ,विचारणीय अंक सुन्दर लिंक संयोजन ,चलचित्र हमें एकाग्र होने की सीख देता है बहुत बढ़िया चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई आभार , "एकलव्य"
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मेरी रचना को सम्मान देने के लिए हलचल टीम को धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति के लिए मेरी शौभकामनाएँ स्वीकार करें।
Only if you reach the boundary, will the boundary recedes before you. And if you donot, I you confine your efforts, the boundary will shrink to accommodate itself to your efforts.And you can only expand your capacities by working to the very limit.
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जवाब देंहटाएं१४/१५[--हे म्हाभाग्य्व्ती,ज्ञानस्वरूपA ,जमल के समान विशाल नेत्र्वाली,
ज्ञान दात्री सरस्वती मुझे विद्या दो.मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ----ASHOK-सरस्वती स्त्रोत4/15--उन वचन की अदिष्ठात्री देवी को मैं प्रता हूँ जिनकी कृपा से मनुष्य देवता बन जाता है सरस्वती स्त्रोतंAshok kuमर-प्प्र्नाम करता
३/१५ शरत्काल में उत्पन कमल के समान मुखवाली और वब मनोरथों को देनेवाली शारदा सब सम्पतियों के साथ सदा मेरे मिख में निवास करें-
-सरस्वती स्त्रोत-प्रस्तुति-ASHOK
१/१५-बुधिरूपी सोने के लिए जो कसौटी के समान हैं.जो केवल वचन के द्वारा ही मूर्ख और विद्वान् की परीक्षा क्र देती हैं.वः सरस्वती हमारा पालन करें--सरस्वती स्त्रोत 4/15--उन वचन की अदिष्ठात्री देवी को मैं प्रणाम करता हूँ जिनकी कृपा से मनुष्य देवता बन जाता है सरस्वती स्त्रोतं
२/१५ हे कमल के आसन पर बैठने वाली सुन्दरी, देवी सरस्वती,तुम सभी दिशाओं को प्रकाशित क्र रही हो.तुम अपनी देह की शोभा से खिर्साग्र को अपना दास बनानेवाली हो.तुम अपनी सुंदर मुस्कान से शरद ऋतु के के चन्द्रमा को तिरस्कृत करने वाली हो .मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ.—सरस्वती स्त्रोतं –प्रस्तुती-अशोक
१२/१५ सरस्वती को नित्य नमस्कार है.वेड,वेदांग,वेदान्त तथा
विद्या के स्थानों को प्रणाम है-ASHOK
बहुत सुन्द्र प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक मिले पढ़ने केो लिए
जवाब देंहटाएंसुप्रभात दी,
जवाब देंहटाएंबहुत प्रभावी रचनाएँ है,पठनीय लिंकों का चयन।
दी,समझदार तोता वीडियो बहुत अच्छी है।👍👍
शुभ प्रभात। गरिमामय पठनीय अंक। मन को मुदित करते और मंथन के लिए भाव-भूमि तैयार करते विभिन्न सूत्र। स्मार्ट तोते का वीडियो रोचक है। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई। अपनी रचना तितली को इस अंक में पाकर अभिभूत हूं। आभार सादर। छोटे से अंतराल में पांच लिंकों का आनंद डेढ़ लाख पेज व्यूज का आंकड़ा पार कर चुका है इसके लिए हम सब बधाई के पात्र हैं। आप सभी का स्नेह ,आशीर्वाद और समर्थन यूं ही मिलता रहेगा यही आकांक्षा है। पुनः आभार।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात आदरणीय दीदी
जवाब देंहटाएंमनमोहक ,विचारणीय अंक
सुन्दर लिंक संयोजन ,चलचित्र हमें एकाग्र होने की सीख देता है
बहुत बढ़िया
चयनित रचनाकारों को
हार्दिक बधाई
आभार ,
"एकलव्य"
पाँच लिंको का आनंद सफलता का एक नया आयाम लिखे इसकी कामना करता हूँ एवं अपने परिवार के सदस्यों, रचनाकारों और पाठकों को बधाई देता हूँ।
जवाब देंहटाएंआभार
"एकलव्य"
उत्तम प्रस्तुति एवम् सुंदर लिंकों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंस्मार्ट तोते का वीडियो बहुत बढिया..
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक.....बधाई|
जवाब देंहटाएंआप सभी का स्वागत है मेरे ब्लॉग "हिंदी कविता मंच" की नई रचना
तुम सहते जाना पर, आपकी प्रतिक्रिया जरुर दे|
https://hindikavitamanch.blogspot.in/2017/07/tum-sahte-jana.html
बहुत उम्दा लिंक संयोजन.....
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति हमेशा की तरह। 'उलूक' की बकबक भी दिखाई दी आभार यशोदा जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंक संयोजन !
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