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बुधवार, 14 जून 2017

698... उम्मीद तो हरी है...



 शुभ भोर बंदन...

चलो चंद लम्हों के सिरहाने लेकर, 
कई लफ्ज़ों के अनमोल लहज़ों से
कुछ अपनी कुछ तुम्हारी इन पांच लिंकों के
जरिए चंद फ़साने लिखते हैं......

अथ आज दोहा एकादश से,

धर्म केरि मर्याद बिनु बुरे रीति बरताए || || 
भावार्थ :--वह अर्थ अनर्थ कारी है जो अनीति पूर्वक अर्जित 




 चौथाखंभा से रचित समयपरक रचना,
(अरुण साथी, बरबीघा, बिहार)

हरिया। यही मेरा नाम है। किसान हूँ, अक्सर किसानों का यही नाम होता है ।

जब से सरकार ने गोली मारने के बाद एक करोड़ मुआवजा देने का ऐलान किया है
 तभी से सोच रहा हूं क्यों ना मैं भी मर ही जाऊं।


अहसासों से परिपूर्ण रचना मेरी स्याही के रंग से...
                                                                                      

कानों में उड़ेल जाती हैं 
ढेर सारा गर्म लावा 
वो स्लो पॉयजन 
फैलता जाता है



अत्यंत विचारणीय विषय उम्मीद तो हरी है....से,
सच तो यह है कि

हमने
घर के भीतर से





हकीकत बयान करती सारगर्भित रचना स्वप्न मेरें...से
मेहनत की मुंडेर पे पड़ा होता है
जरूरी है नसीब का होना
सौ मीटर की इस रेस को जीतने के लिए  
या फिर ...

इस नवीसी पर नवद्भावनाओं की
आकांक्षी।
।।इति शुभम्।।
धन्यवाद।

21 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात..
    सुन्दर रचनाएँ
    साधुवाद
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।।। धन्यवाद पम्मी जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात !


    आज विचारणीय ,मर्मस्पर्शी रचनाओं का अंक

    लायी हैं पम्मी जी।

    सादर आभार ।
    दोहा एकादश बार - बार पठनीय....

    जवाब देंहटाएं
  4. एक गोली मुझे भी मार दो.....

    ज्वलंत मुद्दे को प्रस्तुत करती

    बरबस हमारा ध्यान आकृष्ट करती है।

    जवाब देंहटाएं
  5. भावभीनी सी हलचल
    आभार मुझे आज के संकलन में जगह देने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर संकलन सराहनीय लिंकों का चयन पम्मी जी👌👌👌

    जवाब देंहटाएं
  7. शुभप्रभात आदरणीय, पम्मी जी
    आज की प्रस्तुति कई रंग लेकर आई है
    संवेदनाओं से ओत-प्रोत
    एक तरफ समस्यायें
    दूसरी तरफ उनके समाधान की आस
    ,उम्दा प्रस्तुति !
    सुन्दर लिंक समायोजन ,आभार।
    ''एकलव्य''

    जवाब देंहटाएं
  8. चर्चानवीस पम्मी जी की "पांच लिंकों का आनंद" में सम्मलित सूत्र आनंद देने वाले हैं। "पांच लिंकों का आनंद" का चर्चा मंच ब्लॉग जगत को नई दिशा दे रही है।

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन सूत्र संयोजन । एक से बढ़कर एक रचना । बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया ।

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहतरीन सूत्र संयोजन । एक से बढ़कर एक रचना । बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया ।

    जवाब देंहटाएं
  11.  आप सभी के स्नेह, अवसर और टिप्पणी के लिए धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  12. हर बार की तरह अच्छे वाचन की संतुष्टि प्रदान करती हुई
    बेहतरीन कडियों का संकलन। प्रस्तुतकर्ता पम्मी जी धन्यवाद आपका ...

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  13. बहुत सुन्दर प्रस्तुति है.

    जवाब देंहटाएं
  14. बेहद सुंदर संकलन राचनाओ का । मेरी रचना को स्थान देने पर तहेदिल से धन्यवाद ।



    जवाब देंहटाएं

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