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रविवार, 5 मार्च 2017

597.....खुद भीगता नहीं है और भीगो देता है धरा

      सुप्रभात 

नमस्कार 
प्रस्तुत है आज की पाँच लिंको की हलचल 

   मैं और पुराना टी.वी.

सालों-साल इस टी.वी. ने दिखाई हैं तुम्हें
रंगीन जीवंत तस्वीरें,
पंहुचाई हैं तुम तक 
प्रिय-अप्रिय आवाजें.

सालों-साल तुम्हें सिखाया है
इस पुराने टी.वी. ने,
तुम्हारा दिल लगाया है इसने.

              पत्नी पटाओ 
                 १                                 
वो ऊपरवाला ही ,जोड़ियां बनाता है ,
साथ कई जन्मो का ,शादी का बन्धन है 
सब अपनी बीबी से प्यार किया करते है,
कभी कभी आवश्यक,प्यार का प्रदर्शन है 
सैरसपाटे पर तुम ,पत्नी को ले जाओ,
हरेक साल हनीमून,बढ़ता अपनापन है 
पत्नी संग सेल्फी ले ,फेसबुक पर पोस्ट करो,
व्हाट्सएप में डालो,आजकल ये फैशन है


लवासा 
महाराष्ट्रा सरकार द्वारा  बनाया हिलस्टेशन 



लवासा (मराठी नाम )

10 -12  -16   पूना 

2 दिसम्बर  को अपनी  बेटी के घर  पूना गई थी पूना  के कई ऐतिहासिक जगह पर घूमकर आखिर में 10 तारीख़  को लवासा घूमने का प्रोग्राम बनाया , दामाद ने अपनी नई आई टेन i 10 गाडी को तेल पानी पिलाया  और हम सुबह नाश्ता करके निकल पड़े लवासा हिलस्टेशन देखने ,,,,,



                        
                       मुक्तक
है याद मिले तुम  हमें पहले पहल चाँदनी रात में
खामोश लब बोले नयन ह्रदय विहल चाँदनी रात में
थामा था हाथ इक दूजे का निभाने के लिये साथ
जगमगा उठा कल्पनाओं का महल चाँदनी रात में


ख़ुद भीगता नहीं है और भीगो देता है धरा


ख़ुद भीगता नहीं है
और भीगो देता है धरा
कुछ इस तरह से होली
खेलता है आसमां



अब दीजिए आज्ञा 
धन्यवाद  
विरम सिंह 

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर
    उत्कृष्ट रचनाएँ
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर प्रस्तुति Mere blog ki new post par lambe samay baad aapka swagat hai....

    जवाब देंहटाएं

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