---

शुक्रवार, 16 दिसंबर 2016

518.......करने वालों को लात नहीं करने वालों के साथ बात सिद्धांतत: ही हो रहा होता है

सादर अभिवादन
आज का दिन याद करके मन सिहर जाता है
वजह ठण्ड तो कतई नहीं
वह तो हर वर्ष इसी दिसम्बर के 
महीने में पड़ती है
पर दो हजार बारह की रात को कुछ और भी हुआ था
उसके साथ जो हुआ, उसने देश के अवचेतन को हिलाया, भिगोया, सहमाया और हिम्मत दी कि वह एकजुट हो जाए। जनता के सब्र का बांध आखिर में टूट गया। सत्ता पर कांच की चूड़ियां और बेजान सिक्के फेंक कर उसने वह संदेश दिया जो संचार की एक नई परिभाषा है। 16 दिसंबर के बाद इस देश से अपराध, खास तौर पर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर एक नई बहस का पौधा उगा है। 

कुछ लोगों से कलम से निकली कविताएँ...
मेरे क्षत विक्षत शरीर को
श्रद्धांजलियां दे दी..
‘देश की बेटी’ भी बना दिया मुझको…
किन्तु मत कहो कि मर गई हूँ मै…
मरी नहीं हूँ…
देश की लाखों-करोडो बेटियों में…
जिन्दा हूँ मै…


प्रतिघात किया करो...अजय कुमार झा
सुनो !
आरुषी,
प्रियदर्शनी ,
निर्भया ,
करुणा ,
सुनो लड़कियों
तुम यूं न मरा करो ,

अन्य रचनाएँ.....


व्यंग्य....जितेन्द्र प्रताप सिंह
एक बार केजरीवाल ने 
भगवान शिव जी को खुश करने के लिए घनघोर तपस्या की.....
भोलेनाथ उसकी तपस्या से खुश होकर प्रकट हो गए और बोले - मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हूं बेटा। मांगो क्या मांगते हो..?.
केजरीवाल - मैं चाहता हूं कि मोदी जी इस्तीफा दे दें.....
भोलेनाथ- तथास्तु ......


भ्रष्टाचार.......राकेश कुमार श्रीवास्तव
दूसरों के गिरेबान में झाँकते हो,
दूसरों का ज़मीर नापते हो,
दूसरों को भ्रष्ट कहने से पहले 
क्या अपनी औकात जानते हो। 


अक्सर मौन पूछता सवाल....विजय लक्ष्मी
अक्सर मौन पूछता सवाल 
क्या जवाब दूं ,,
समय की आँख में झांककर देखो ..
कैसे हैं ?

एक ताजा अखबार की कतरन..

पानी नहीं 
होता है 
फिर भी 
कोई भी 
किसी 
को भी 
खुले आम 
धो रहा 
होता है 


आज्ञा दें दिग्विजय को
सप्ताहांत शुभ हो
सादर






















6 टिप्‍पणियां:

  1. बढियाँ..
    प्रतिघात किया करो..👍

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर हलचल दिग्विजय जी। आभार 'उलूक' के सूत्र 'करने वालों को लात नहीं करने वालों के साथ बात सिद्धांततह ही हो रहा होता है' को जगह देने के लिये ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन चर्चा लिंकों से सजी आज की "पांच लिंकों का आनन्द में". दिग्विजय जी, मेरे पोस्ट को आपने अपने "पांच लिंकों का आनन्द में" शामिल किया, आभार.

    जवाब देंहटाएं
  4. शुभप्रभात...
    सर आप तो आनंद को कई गुना कर देते हैं....
    आभार आप का....

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत अच्छी सार्थक हलचल प्रस्तुति....

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।